सुशांत प्रकरण में बिहार पुलिस की मर्दानगी

सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच का अधिकार सीबीआई को दे दिया है. इस फैसले के unबाद से ही सुशांत के फैंस में खुशी की लहर है. पूरे देश में. सोशल मीडिया पर उनके फैंस और सपोर्टर्स से एक से बढ़ कर एक कमेंट कर रहे हैं. सुशांत के परिवार वालों ने भी इस मामले में पॉजिटिव प्रतिक्रियाएं दी हैं. वही कंगना रनौत और अक्षय कुमार जैसे कई स्टार्स ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. सुशांत की को-स्टार और करीबी दोस्त रही एक्ट्रेस कृति सेनन ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि अब उन्हें भी इस मामले में न्याय की उम्मीद दिखाई दे रही है. उनका कहना है कि पिछले दो महीने बेहद बैचेनी भरे रहे क्योंकि कुछ भी साफ समझ नहीं आ रहा था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक उम्मीद जगी है कि आखिरकार सच्चाई सामने आएगी. अब विश्वास रखिए और सीबीआई को अपना काम करने दीजिए. सुशांत की एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे ने भी ट्वीट करते हुए लिखा- न्याय वही है जो सच बताए. सत्य की जीत हुई. हालांकि अभी जीत अधूरी है. फिर भी अंगे्रजी में एक कहावत है कि वेल बिगन इज हाफ डन…बस ऐसा मानकर चल सकते हैं.
सीबीआई ने इस मामले के लिए गुजरात कैडर के आईपीएस मनोज शशिधर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है. गुजरात कैडर की महिला आईपीएस
अफसर गगनदीप गंभीर भी इस टीम का हिस्सा हैं, जो दिल्ली सीबीआई मुख्यालय में कार्यरत हैं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद एसआईटी ने बैठक कर रणनीति बनाई. मुझे लगता है कि आज बैठक में आगे के तात्कालिक कदम पर चर्चा की गई होगी और महाराष्ट्र सरकार के अगले कदम का इंतजार करने को कहा गया होगा. संभव है कि महाराष्ट्र सरकार अपील में जाए. हालांकि अभी तो सरकार के मुखिया और पुलिस प्रमुख को मुंह छिपाने के लिए ढंग का ओट भी नहीं मिल रहा होगा. शायद यही कारण था कि मीडिया के सवालों से सरकार के गृहमंत्री, प्रवक्ता और पुलिस प्रमुख छिपते चल रहे थे. केवल यह कहते रहे कि अभी फैसले की प्रति नहीं देखी है. उसकी समीक्षा के बाद ही कोई प्रतिक्रिया दी जा सकेगी….
बेचैनी तो सरकार के मुखिया के खेमे में दिखाई पड़ रही है. आज दोपहर बाद मुबंई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से मिले, फिर गृह मंत्री से. बेशक यह मुलाकात सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई जांच को लेकर ही रही होगी. रणनीति बन रही होगी कि अब क्या किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को जांच में सहयोग करनेे का निर्देश दिया है. साथ ही इस मामले में बिहार में दर्ज एफआईआर को भी सही बताया है. अब तवक्को की जा रही है कि अगर यह मामला दोबारे कोर्ट में नहीं गया तो सीबीआई मुंबई पुलिस की केस डायरी, अब तक लिए गए 56 लोगों के बयान, पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट लेगी. बिहार पुलिस तो अपनी जांच रिपोर्ट सीबीआई को पहले ही सौंप चुकी है. इसके बाद सुशांत का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का बयान भी दर्ज हो सकता है. सीबीआई मुंबई पुलिस के कुछ अफसरों से बातचीत कर सकती है. इसके बाद रिया चक्रवर्ती, उनके पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती, मां संध्या चक्रवर्ती, भाई शोविक चक्रवर्ती, सुशांत के मैनेजर सैमुअल मिरांडा और श्रुति मोदी जैसे आरोपियों से पूछताछ की जा सकती है. हालांकि रिया के वकील ने सीबीआई को जांच में सहयोग की बात कही है. लेकिन ईडी की टीम की जो शिकायत रही है, वही शिकायत अगर सीबीआई टीम को होगी तो रिया गिरफ्तार भी हो सकती है. अगर जरूरी हुआ तो सीबीआई महेश भट्ट, आदित्य चोपड़ा, शेखर कपूर, कंगना रनोत, अंकिता लोखंडे, संजय लीला भंसाली समेत 56 लोगों के पास भी जा सकती है.
इस पूरे मामले में बिहार पुलिस की भूमिका प्रशंसनीय रही. थोड़ी सस्ती बयानबाजी आखिर में बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की लगी जो पूरे प्रकरण को लेकर अधिकारी कम राजनेता की तरह ज्यादा लगे. एक मीडिया चैनल से बातचीत के क्रम में आज उन्होंने रिया की क्या औकात….वाली बात कह दी. उन्हें ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए लेकिन प्रवाह में उस सिरे तक भी पहुंच ही गए जहां तक अमूमन सियासी नुमाइंदे पहुंचा करते हैं. हालांकि बाद में उन्होंने इसके लिए क्षमा मांग ली. कौन नहीं जानता है कि बिहार पुलिस प्रमुख होने के नाते उनकी रणनीति रंग लाई है. इसे तो लेमैन भी समझ सकता है. लेकिन रिया जबतक दोषी नहीं करार दी जाती तब तक उसके प्रति न मीडिया को अपना संयम खोना चाहिए और न किसी अधिकारी को. बिहार के मुख्यमंत्री को आपने अगर सुना होगा तो उनकी भाषा बड़ी संयत और नपी-तुली थी जबकि राजनीति से इतने संयम की अपेक्षा नहीं रहती है. जैसा कि आप महाराष्ट्र के नेताओं के बोल सुनते रहे हैं. खैर बिहार पुलिस की कोशिशें रंग लाई है. अब उम्मीद करनी चाहिए कि सीबीआई इस मामले को खंगालकर दोषियों को कोर्ट से सजा जरूर दिलवाएगी.

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