पर्यटन विभाग के आईएएस अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप, ड्राइवर ने थाने में कई शिकायत*

 

_झारखंड कैडर के आईएएस पर्यटन विभाग के निदेशक संजीव बेसरा पर उन्हीं के विभाग के ड्राइवर ने मानसिक उत्पीड़न और बेवजह नौकरी से निकालने को लेकर चुटिया थाना में मामला दर्ज कराया है।_

*_दरअसल, झारखंड टूरिज्म में 2003 से संविदा पर ड्राइवर के पद पर बहाल सुनील कुमार सिंह ने आईएएस संजीव बेसरा और उनके कुक प्रकाश यादव पर गाली गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाया है। सुनील कुमार सिंह ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया है कि 13 दिसंबर को विभागीय पत्र जारी कर निदेशक ने अनुपस्थिति का आरोप लगाते हुए नौकरी से हटा दिया है।_*

_वहीं, चालक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि टूरिज्म विभाग के निदेशक संजीव बेसरा के आदेश पर ही वह उनकी पत्नी टेरेसा मुर्मू के चुनाव प्रचार-प्रसार में लगे हुए थे, क्योंकि निदेशक संजीव बेसरा की पत्नी टेरेसा मुर्मू दुमका के जामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही थी। इसी को लेकर निदेशक ने सुनील कुमार सिंह को टेरेसा मुर्मू का चुनाव गाड़ी चलाने का आदेश दिया था। उसके बावजूद भी निदेशक संजीव बेसरा ने विभागीय पत्र जारी कर ड्राइवर सुनील कुमार सिंह को अनुपस्थिति करार देकर नौकरी से निकाल दिया है।_

*_इसको लेकर सुनील कुमार सिंह ने जब कारण पूछा कि उन्हें नौकरी से क्यों निकाला गया जबकि वह उन्हीं के आदेश पर उनकी पत्नी टरेसा मुर्मू के चुनाव प्रचार-प्रसार में गाड़ी चला रहें थे तो उनके साथ निदेशक संजीव बेसरा और उनके कुक प्रकाश यादव ने गाली गलौज और मारपीट की।_*

_वहीं, चालक सुनील कुमार सिंह का मोटरसाइकिल और कई महत्वपूर्ण सामान भी आईएस संजीव बेसरा के इशारे पर उनके रसोइया प्रकाश यादव ने जबरन रख लिया है, सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सामान मांगे जाने पर गाली गलौज और मारपीट की धमकी दिया जा रहा है, हालांकि सुनील कुमार सिंह ने इसको लेकर चुटिया थाना में मामला दर्ज कराया है लेकिन अभी तक इस को लेकर प्रशासन और विभाग के तरफ से किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है।_

*_वहीं, पूरे मामले पर हमने जब निदेशक संजीव बेसरा से बात करने की कोशिश की तो वह अपने कनीय पदाधिकारी आलोक प्रसाद से बात करने का हवाला देते हुए बचते नजर आए, वहीं आलोक प्रसाद भी पूरे मामले पर अन्य पदाधिकारी से बात करने का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया है। गौरतलब है कि झारखंड कैडर के आईएएस का धौंस जताकर छोटे कर्मचारी पर मानसिक उत्पीड़न का मामला सामने आया है ऐसे में विभाग, सरकार और प्रशासन सभी को सामने आकर ऐसे अधिकारियों पर नकेल कसने की जरूरत है। अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन अधिकारी कुछ भी कहने से मना कर दिए।_*

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