जीएसटी में धांधली रोकना सरकार के लिए चुनौती

आईसीएआई जमशेदपुर शाखा का दो दिवसीय सेमिनार संपन्न
जमशेदपुर : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए संस्थान आईसीएआई), जमशेदपुर शाखा के दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन बतौर अतिथि जतिन हरजाई (जयपुर) ने कहा कि फेक इनवाएस, इनपुट क्रेडिट में धांधली रोकना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. जीएसटी में फेक इनवाएस का अर्थ है कि आपूर्तिकत्र्ता ने माल की आपूर्ति किए बिना इनवाएस जारी कर दिया है. इस प्रकार से जीएसटी में बेईमान आपूर्तिकत्ताओं द्धारा सरकार को करोड़ों रूपये की चपत लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत से अधिक व्यापारकत्र्ता का टैक्स कम्पलायन्ट है, केवल एक प्रतिशत व्यापारकत्र्ता के कारण सरकार को सख्त टैक्स कम्पलायन्ट नियम कानून बनाने पड़ रहे हैं, इससे ईमानदार टैक्स कम्पलायन्ट को भी कठिनाई हो रही है.
बिष्टुपुर एल्कोर होटल में आयोजित सेमिनार में आज प्रथम से तृतीय सत्र की अध्यक्षता क्रमश: सिद्धार्थ खंडेलवाल, विनोद खेमका एवं आलोक कुमार ने की. सेमिनार के अंत में खेल प्रतियोगिता के विजेताओं को शाखा चेयरमैन संजय गोयल एवं शाखा सचिव सुगम सरायवाला ने पुरस्कृत किया. सम्मेलन में सीके त्रिपाठी, पवन अग्रवाल, दयाशंकर, स्नेहा सरायवाला, शशि सरायवाला, महेश अग्रवाल, रवि अग्रवाल, योगेश शर्मा, विकाश अग्रवाल, रमाकांत गुप्ता, विनोद सरायवाला आदि उपस्थित थे.

कोई भी इंस्टीट्यूट में कर सकता हैं शिकायत
द्वितीय सत्र में चन्द्रशेखर वेज (मुंबई) ने कोड ऑफ इथिक्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें कोई भी व्यक्ति इंस्टीट्यूट को शिकायत कर सकता है. भले ही वह व्यक्ति किसी भी प्रकार से वाद में पार्टी नहीं हैं.

एकाउंटिंग स्टेंडर्ड का अनुपालन करें
तृतीय सत्र में पराग कुलकर्णी (पुणे) ने एकाउंटिंग स्टेन्डर्ड की बारिकी को समझाया. कहा कि जो भी एकाउंटिंग स्टेन्डर्ड हमारे इंस्टीट्यूट द्धारा निर्धारित हैं, उस एकाउंटिंग स्टेन्डर्ड का अनुपालन पूर्ण रूप से चार्टर्ड एकाउटेंटस को करना चाहिए. यदि वे स्टेन्डर्डस का उपयोग करके फाइनेशियल स्टेटमेंट बनायेंगें तो स्टेटमेंटस दोष रहित रहेंगें.

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