कोरोनावायरस से जंग / देश के पास पर्याप्त खाद्य भंडार, मौजूदा स्टॉक से जरूरतमंदों को 18 महीने तक आपूर्ति की जा सकती है

भारत 2019-20 में 29.2 करोड़ टन अनाज का उत्पादन करने वाला है- फाइल फोटो। भारत 2019-20 में 29.2 करोड़ टन अनाज का उत्पादन करने वाला है- फाइल फोटो।

फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने कहा- देश में खाद्य सामग्रियों की कोई कमी नहीं, अप्रैल अंत तक 10 करो? टन का भंडार होगा
अलग-अलग योजनाओं के तहत अभी सालाना खपत 5 से 6 करो? टन, लॉकडाउन लंबा चला तो भी घबराने की बात नहीं

दिल्ली. कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी से इस समय दुनिया के लगभग तमाम देश जूझ रहे हैं। भारत में इस संकट से निबटने के लिए अलग-अलग स्तर पर कोशिशें हो रही हैं। देशव्यापी लॉकडाउन भी इसी की एक क?ी है। ऐसे मुश्किल वक्त में खाद्य सामग्रियों से जुड़ी एक पॉजिटिव खबर आई है। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के चेयरमैन डीवी प्रसाद ने आश्वस्त किया है कि देश में खाद्य सामग्रियों की कोई कमी नहीं है। प्रसाद ने कहा कि अप्रैल अंत तक देशभर के गोदामों में 10 करोड़ टन अनाज होगा। वहीं, कई जनउपयोगी योजनाओं के तहत देश की अभी सालाना जरूरत 5 से 6 करो? टन अनाज की होती है। साथ ही भारत 2019-20 में 29.2 करो? टन अनाज का उत्पादन करने वाला है। उन्होंने कहा कि जहां तक गेहूं और चावल की बात है तो देश को चिंता करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। हर हिस्से में आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही में कहा है कि जनवितरण प्रणाली के तहत अनाज पाने वाले लोग छह महीने का कोटा तुरंत खरीद सकते हैं। हालांकि, इसके लिए राज्यों को अपनी स्टोरेज क्षमता में इजाफा करना प? सकता है।
पैनिक होकर खरीदारी की कोई जरूरत नहीं
इस समय दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। कई विकसित देशों में लोगों ने पैनिक बाइंग यानी आशंका के डर से खरीदारी शुरू कर दी है। वे खाद्य सामग्रियों का स्टॉक जमा करने लगे हैं। अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रिटेल स्टोर से खाने के सामान तुरंत बिक जा रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि भारत के लोगों को पैनिक बाइंग की जरूरत नहीं है। देश में खाद्य सामग्रियों का पर्याप्त स्टॉक है जो सबकी जरूरत पूरी कर सकता है।

राज्य 3 करोड़ टन गेहूं-चावल की खरीदारी कर सकते हैं

प्रसाद ने कहा कि मौजूदा हालात में राज्यों को 3 करो? टन गेहूं और चावल की खरीदारी केंद्र सरकार से करनी प? सकती है। इससे वे अगले छह महीने की जरूरत पूरी कर सकते हैं। इसके लिए पर्याप्त रिजर्व मौजूद है। हालांकि, कुछ राज्यों को अनाज स्टॉक करने के लिए स्टोरेज विकसित करने प? सकते हैं। केंद्र के पास जो रिजर्व है वह अप्रैल तक 6.4 करो? टन ब? सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बताया था कि राज्य तीन महीने का कोटा एफसीआई से उधार पर ले सकते हैं।

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