आधुनिक पावर पूरी क्षमता का उत्पादन करने की स्थिति में-एमडी कोयला की उपलब्धता पर टिका है कंपनी का भविष्य अभी हर माह होता है 14 करोड़ का घाटा, मगर हालात सुधरने की पूरी उम्मीद

जमशेदपुर, 7 फरवरी संवाददाता आधुनिक पावर प्लांट अपनी शत प्रतिशत क्षमता के अनुसार उत्पादन करने की स्थिति में है। अभी प्लाट 70 प्रतिशत उत्पादन कर रहा है, लेकिन यदि जरुरत के मुताबिक कोयला की पूरी आपूर्ति होतीहै तो उत्पादन पूरा किया जा सकता है। कंपनी के प्रबंध निदेशक राघवेंद्र कुमार सिंह ने आज आदित्यपुर स्थित होटल मधुबन में एक संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें कहीं। करीब 10 दिन पहले कंपनी की कमान संभालने वाले एनटीपीसी टंडवा के पूर्व इडी इस बात को लेकर आश्वस्त दिखे ही आने वाले दिनों में कंपनी की स्थिति सुधर जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी को इस समय हर माह करीब 14 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इस समय वे सारे पहलुओं का आकलन कर रहे हैं। समस्याओं की सूची तैयार की जा रही है और साथ ही एक एक के समाधान की दिशा मेंप्रयास किया जा रहा है। संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ कंपनी के सीईओ प्लांट राकेश गुप्ता एवं डायरेक्टर कामर्सियल अनिमेश गुप्ता भीमौजूद थे। श्री सिंह ने कहा कि अभी कंपनी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव हुआ है लेकिन शेष टीम पूर्व की है। कंपनी के दो प्लांट 270-270 मेगावाट क्षमता वाले हैं। लेकिन हम अभी केवल 362 मेगावाट उत्पादन कर रहे हैं। हमें जितने कोयले की जरुरत प्लाट को चलाने के लिये होती है,उतना नहीं मिल पाता जिस कारण प्लांट बीच बीच में बंद करना पड़ता है। इसके लागत अधिक हो जाती है। हम प्रयास कर रहे हैं कि पूरी क्षमता के अनुरुप हमें कोयला मिले। अभी हमारे पास औसत दो दिन का स्टाक होता है। यदि 15 दिनों का स्टाक रहे तो उत्पादन में निरंतरता कायम रहेगी और इसका कंपनी को लाभ मिलेगा।
श्री सिंह ने कहा कि झारखंड में कंपनी 162 मेगावाट, बंगाल में 100 मेगावाट और तमिलनाडु को 62 मेगावाट की आपूर्ति की जाती है। इन राज्यों में कंपनी का करीब 480 करोड़ का बताया है। हम बकाये रकम को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं। श्री सिंह ने कहा कि यह प्लांट भौगोलिक दृष्टिकोण से पूरी तरह आदर्श है। रेलवे साइडिंग प्लाटं से केवल 150 मीटर की दूरी है। हाई वे भी पास है। पानी की उपलब्धता है। इसके बेहतर लोकेसन नहीं हो सकता। कंपनी के अधिकारियों ने पूर्व प्रोमोटर की तारीफ की और कहा कि अपने अनुसार उन्होंने अच्छा काम किया। किन परिस्थितियों में ऐसे हालात आये यह तो नहीं पता लेकिन कंपनी अभी भी ऐसी स्थिति में है कि पूरी क्षमता से काम किया जा सकता है। कंपनी में 440 कर्मचारी कार्यरत हैं।

प्रबंध निदेशक ने कहा कि आने वाले दिनों में जितने भी विस्थापितों के अगर कोई मुद्दे है, तो उसका भी निराकरण कर दिया जायेगा और कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ाया जायेगा. श्री सिंह ने कहा कि घाटे के कारण कंपनी की ओर से सीएसआर पर प्रभाव पड़ा है लेकिन यह हमारी प्राथमिकता है। अभी हाल ही 26 जनवरी को हमने पदमपुर के स्कूल में पहला एवं दूसरा स्थान पाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया.नहीं किया जा रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में सीएसआर भी किया जायेगा. इसको लेकर कंपनी की ओर से मुनाफा बढ़ाते हुए कंपनी के आस-पास के गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में काम किया जायेगा. इसके लिए रणनीति तैयार हो चुकी है.
एमडी ने कहा कि 25 साल का समझौता झारखंड, बंगाल और तमिलनाडू के साथ है कि बिजली की खरीददारी करेगी, लेकिन कच्चा माल नहीं रहेगा तो हम लोग उत्पादन नहीं कर पाते है. ऐसे में हम लोग सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर कंपनी को और आगे ले जाने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी को नई सरकार से काफी उम्मीदें है.

बंद कर दिये गये हैं सारे छेद- अनिमेश गुप्ता
कंपनी के डायरेक्टर कामर्सियल अनिमेश गुप्ता ने कहा कि जब जहाज डूबता है तो पहले सारे छेद बंद किये जाते हैं न कि पहले पानी निकालने का प्रयास होता है। इस समय हमने 99.99 प्रतिशत छेद बंद कर लिये हैं। यह अच्छी बात है। अब हालात को सुधारा जाएगा।

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