जमशेदपुर, 23 मई (रिपोर्टर): बिना वैध औषध निर्माण अनुज्ञप्ति की औषधियों का निर्माण भंडारण एवं विक्रय के आरोप में एक अभियुक्त मनीष सिंह जेल में है जबकि दूसरा कमल गुप्ता बाहर घूम रहा है.
यह मामला एसडीओ के नेतृत्व में गत 19 मार्च को बर्मामाइंस में हैंड सैनेटाइजर एवं अन्य प्रकार की औषधिय वस्तुओं के निर्माण का किए गए खुलासे से जुड़ा है जिसका अंतिम पड़ाव जुगसलाई में केके फार्मास्यूटिकल्स के प्रतिष्ठान एवं भंडार तक पहुंचा. केके फार्मास्यूटिकल्स के स्वत्वाधिकारी कमल गुप्ता हैं जबकि मनीष सिंह स्टार टॉकिज बर्मामाइंस के बगल में मेसर्स श्री इंटर प्राइजेज के स्वत्वाधिकारी हैं. मनीष सिंह का कहना था कि वह कमल गुप्ता के कहने तथा उनके वित्तीय सहयोग से हैंडसैनेटाइजर बना रहे थे. मनीष सिंह गिरफ्तार कर लिया गया. कमल गुप्ता के खिलाफ जुगसलाई थाने में मामला दर्ज किया गया जिसे अभी तक पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया. अलबत्ता पूछने पर थाना द्वारा बताया गया कि कमल गुप्ता को जमानत हो गई है. लेकिन देर शाम थाना प्रभारी ने फोन क र स्पष्ट किया कि उसकी अग्रिम जमानत याचिका अस्वीकृत कर दी गई है.
कमल गुप्ता जुगसलाई का बड़ा चर्चित दवा व्यापारी बताया जाता है. अवैध ढंग से औषधि निर्माण एवं भंडारण तथा विक्रय के संबंध में अधिनियम 1940 की धारा 18 (सी) एवं 22 (सी) (सी) (ए) का उल्लंघन संंबंधी आरोप में ‘कटपुतलीÓ गिरफ्तार हो गयी जबकि परदे के पीछे से काम करने वाला कलाकार बेनकाब होने के बाद भी पुलिस गिरफ्त से दूर है. मनीष सिंह की आर्थिक स्थिति कमजोर है वहीं कमल गुप्ता धनाढ्य है. जनमानस ने इस भेदभाव को लेकर खूब चर्चा हो रही है.