टाटा ग्रुप की क्रायोजेनिक कंटेनर की दूसरी खेप पहुंची भारत, वायुसेना के विमान से मंगवाया गया 3 कंटेनर


जमशेदपुर। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए टाटा ग्रुप केंद्र सरकार और राज्य सरकार का हरसंभव मदद कर रहा है चाहे वह कोरोना अस्पताल का मामला हो या बेड का मामला हो । वहीं अब ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए टाटा स्टील ने झारखंड ओडिशा पश्चिम बंगाल बिहार के अलावा देश के अन्य राज्यों में अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचाने का का काम शुरू कर दिया है । टाटा ग्रुप में देश में ऑक्सीजन कंटेनर क्या टैंकर की कमी को देखते हुए 24 क्रायोजेनिक कंटेनर मंगवाने का निर्णय लिया है। भारत में कंटेनर की दूसरी खेप पहुंची जिसमें वायु सेना के विमान से 3 कंटेनर मंगाए गए। इससे पहले 4 कंटेनर मंगवाया गया अभी भी और कंटेनर मंगवाना बाकी है । जर्मनी की कंपनी लिंडे के सहयोग से टाटा ग्रुप जर्मनी से 24 आक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट करा रही है, ताकि देश में आक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सके। लिंडे का आक्सीजन प्लांट जमशेदपुर के बर्मामाइंस व साकची में है, जो टाटा स्टील को इंडस्ट्रियल आक्सीजन सप्लाई करती है। लिंडे की अधिकतम उत्पादन क्षमता 5000 टन है।
भारत में जर्मन दूतावास ने ट्वीटर हैंडल पर जानकारी देते हुए कहा कि निजी जर्मन कंपनी लिंडे ने टाटा के साथ मिलकर 24 आक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट करा रहा है। यह टैंकर उत्पादन स्थल से आक्सीजन लेकर कोविड हाट स्पॉट तक पहुंचाएगी। 21 अप्रैल को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर टाटा समूह ने कहा कि यह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ऑक्सीजन संकट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। समूह के अधिकारियों ने कहा कि एक कोविड के खिलाफ लड़ाई में विशेष टास्क फोर्स काम कर रही है, जो संसाधनों की व्यवस्था करने से लेकर चिकित्सा आवश्यकताओं और अनुरोधों को पूरा कर रहा है। टाटा समूह क्वारंटाइन केंद्र व अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।

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