अश्लील वीडियो मामले में पुलिस बन्ना के दबाव में : सरयू ने पूछा सवाल- जांच पूरी नहीं हुई तो प्राथमिकी में कैसे जोड़ा नाम

(फोटो – इस्पात में सरयू राय पीसी जमशेदपुर, 18 सितंबर (रिपोर्टर) : पूर्वी के विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ एक महिला की अश्लील वायरल वीडियो मामले में उन्हें आरोपी बना दिये जाने के पीछे खुद मंत्री बन्ना व पुलिस का षड्यंत्र है. जब इस मामले में जांच प्रक्रिया अभीतक पूरी नहीं हुई तो साइबर सेल के एक पुलिस अधिकारी किस हैसियत से बोल सकते हैं कि मामला सही है या गलत. श्री राय आज बिष्टुपुर में अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बन्ना गुप्ता के दबाव में पुलिस काम कर रही है. वे चाहते हैं कि किसी तरह उन्हें (सरयू राय) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाए. जबकि सर्वप्रथम भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने यह वीडियो ट्वीटर पर जारी किया था, उन्होंने तो सिर्फ री-ट्वीट किया था और ऐसा करनेवाले वे 15वें व्यक्ति थे. कुल 16 लोगों ने उक्त वीडियो को री-ट्वीट किया था, शेष 15 लोगों से पूछताछ नहीं की गई, सीधे उन्हें ही आरोपी बना दिया गया. श्री राय ने कहा कि 23 अप्रैल को उक्त वीडियो वायरल हुई तथा उसीदिन मंत्री के किसी समर्थक ने थाना में इसकी शिकायत की. इसके लगभग ढाई माह बाद बेलाल गुफरानी (प्रेस सलाहकार) नामक व्यक्ति ने इस संबंध में पुलिस को साक्ष्य सौंपा. पुलिस ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि उक्त व्यक्ति कौन हैं और वे किसके प्रेस सलाहकार हैं. अब उन्होंने वायरल वीडियो की क्लीपिंग दी या इसमें छेड़छाड़ की गई, यह जांच का विषय है. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को फोरेंसिक जांच कराने और वीडियो को ओरिजिनल सोर्स का पता लगाने का आदेश पुलिस को दिया. तत्पश्चात 21 अगस्त को पुलिस पुन: कोर्ट गई और उक्त मामले में धारा 67 (ए) जोडऩे का आग्रह किया. इसलिये यह पूरा प्रकरण संदेहास्पद है. वे भी चाहते हैं कि पुलिस जल्द से जल्द चार्जशीट कोर्ट में जमा कराएं ताकि वे वहां से सत्यापित कागजात निकालकर उनकी गंठजोड़ की कलई खोल सके. शहर में एनडीए-इंडिया में चल रही गलबहियां श्री राय ने कहा कि पूरे देश में एनडीए तथा आईएनडीआईए (इंडिया) वाकयुद्ध व तकरार जारी है, लेकिन जमशेदपुर एक अनोखा शहर है, जहां इन दोनों दल के नेता एक दूसरे से गलबहियां करते नजर आते हैं और दोनों मिलकर उनके (सरयू राय) पर बरसते हैं. पुलिसिया जांच पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच एसएसपी को स्वयं करना चाहिये. साथ ही फोरेंसिक जांच का जिम्मा रांची को दिये जाने पर भी सवाल उठाये.

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