सालाना जलसा और चिंताजनक हालात..

इसी बहाने
रतन जोशी
हेमन्त सरकार ने एक साल पूरा कर लिया और 2020 भी पूरा हो गया लेकिन झारखंड के हालात बदल गए क्या जेहन मे कई सवाल आते है 7 बच्चे कुपोषण के शिकार है लड़कियों को बहला फुसलाकर काम के बहाने बड़े शहरों मे ले जाया जाता है और जंगल भी कट ही रहे हैं ये ऐसे सवाल है जिनका संबंध केवल एक साल से नहीं है 7 झारखंड बने 20 साल के आस पास हो गए 7 इसके बावजूद विकास का रास्ता नहीं पकड़ाया 7 सरकार कभी खजाना खाली मिलने का रोना रोती है तो कभी अफसरों के कमी की 7 इन सवालों का जवाब कोन देगा 7 झारखंड के साथ उत्तरांचल और छत्तीसगढ़ का भी गठन हुआ था 7 सुनते है दोनों राज्य विकास की राह पकड़ चुके है लेकिन झारखंड के सामने समस्याएं मुँह बाये खड़ी है 7 राजनीति दलों को एक दूसरे की टांग खींचने का मोका मिलना चाहिए 7 सालाना जलसा हो या सरकार का एक साल पूरा, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं 7 झारखंड की किस्मत देखिए कि यहा कोई विपक्ष का नेता तक नहीं है, तो विधायी कार्य कैसे होंगे 7 हेमन्त सरकार को खुशी मनाने का हक है, इससे इन्कार नहीं कर सकते लेकिन यह भी देखना चाहिए कि विपक्ष जो सवाल उठा उठा रहा है, उनमे कितना दम है 7 राज्य मे खिचड़ी सरकार बनी हुई है इसे टिकाये रखना भी एक चुनौती है सुनते है कि मुख्यमंत्री गम्भीर हंै और सारे मसलों को सुलझाना चाहते हैं लेकिन गठबंधन सरकार मे यह कैसे सम्भव है सारे दलों का अपना अपना एजेंडा होता है वे दल अपने एजेंडा पर काम करते है 7 झारखंड को तो ऐसा माहौल चाहिए कि मिलजुल कर समस्याओ का समाधान कर ले 7 अब देखिए ना झारखंड की मूल समस्या जल, जंगल, जमीन और जानवर है 7 प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखना सरकार की जिम्मेदारी है 7 प्रशासनिक अमला चौकस रहे तो नक्सल और विधि व्यवस्था भी काबु मे रह सकते हैं 7 ये चिंताजनक हालात कि एक तस्वीर भर है 7 अपन ने आपके सामने पेश कर दी आगे आपकी क्या राय बनती है आप जाने…

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