बीमार कर्मचारी का हालचाल लेने 150 किलोमीटर दूर पहुंच गये रतन टाटा

 

बिना तामझाम के उसके घर जाकर मिले
जमशेदपुर, टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा  83 वर्ष की उम्र में  अपने पूर्व कर्मचारी से मिलने 150 किलोमीटर दूर उसके घर पहुंच गए। रतन टाटा ने उक्त कर्मचारी से मिलने की तस्वीर भी लिंक्डइन में साझा की है। कर्मचारी करीब दो वर्ष से बीमार था। टाटा मुंबई से पुणे स्थित फ्रेंड्स सोसाइटी में रह रहे कर्मचारी से बिना तामझाम के मिले।
रतन टाटा की सहृदयता उस वक्त भी देखने को मिली थी, जब वर्ष 2008 में 26-11 के नाम से मशहूर आतंकी हमला हुआ था। उस घटना में होटल ताज के प्रभावित सभी 80 कर्मचारियों के परिवार से रतन टाटा मिले थे। यही नहीं, उन्होंने सभी कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की जिम्मेदारी उठाई। उनके जो भी कर्जे थे, पूरी तरह माफ कर दिया। उस समय भी रतन टाटा की अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता सुर्खियां बनी थीं।
लॉकडाउन में छंटनी पर जताई थी आपत्ति?
रतन टाटा ने वैश्विक संकट बनकर उभरे कोरोना की वजह से लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों की छंटनी पर सवाल खड़े किए थे। उन्?होंने कहा था कि किसी कर्मचारी को नौकरी से हटाना नैतिकता के खिलाफ है। अगर कोई इंसान आपकी कंपनी से लंबे समय से जुड़ा है तो उसे नहीं हटाया जाना चाहिए। लॉकडाउन के कारण कई लोगों की नौकरी चली गई। कई के वेतन में कटौती की गई। उन्होंने कहा था कि नौकरी से निकाले जाने की अनगिनत घटनाएं देखकर ऐसा लगता है कि शीर्ष लीडरशिप में सहानुभूति की कमी हो गई है। कहा था कि ये वे लोग हैं, जिन्होंने अपना पूरा कॅरियर कंपनी के लिए लगा दिया। संकट की इस घड़ी में वैसे लोगों का समर्थन करने की बजाय बेरोजगार करना उचित नहीं है।

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