पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीत रचा इतिहास, ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली महिला ऐथलीट बनीं

तोक्यो
भारतीय स्टार शटलर पीवी सिंधु ने तोक्यो ओलिंपिक-2020 के बैडमिंटन महिला एकल वर्ग का ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया। वह न केवल बैडमिंटन इतिहास में भारत के लिए दो मेडल जीतने वाली पहली शटलर बनीं, बल्कि इंडिविजुअल गेम में ऐसा करने वाली पहली महिला ऐथलीट भी बन गई हैं। ओवरऑल इंडिविजुआल गेम में पहली पहलवान सुशील कुमार के बाद भारत की दूसरी ऐथलीट हैं। इससे पहले उन्होंने रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में कमाल का प्रदर्शन करते हुए चीन की बिंग जिआओ को 52 मिनट में सीधे गेम में 2-0 से हराया। उन्होंने पहला गेम 21-13 से एकतरफा जीता तो दूसरा गेम 21-15 से अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया। उन्हें सेमीफाइनल में ताई जू यिंग से हार मिली थी और वह अपने मेडल को अपग्रेड करने का मौका चूक गई थीं। लेकिन उसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
9 साल की उम्र से गोपीचंद की एकेडमी में ट्रेनिंग शुरू की
पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में हुआ था। उनके माता-पिता राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। पिता पीवी रमाना 1986 के सियोल एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। भले ही सिंधु के माता-पिता वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हों, लेकिन वे खुद पुलेला गोपीचंद के प्रदर्शन से प्रभावित थीं और 9 साल की उम्र से ही गोपीचंद की एकेडमी में अभ्यास करने लगी थीं।

पहला गेम: सिंधु का जबरदस्त गेम, चीनी शटलर दिखी पस्त
भारतीय स्टार शटलर ने पिछले मैचों की तरह यहां भी शुरुआत अच्छी की। देखते ही देखते 3-0 फिर 5-3 की बढ़त बना ली। यहां पर बिंग ने वापसी की और नेट पर सिंधु को कुछ गलतियां करने के लिए मजबूर किया। स्कोर 6-6 पर बराबरी पर आ गया। यहां से दोनों खिलाड़ी एक-एक पॉइंट के लिए जूझते दिखे।

इस दौरान एक जोरदार रैली (34 सेकंड, 41 शॉट) भी देखने को मिली, जिसे सिंधु ने शानदार स्ट्रेट स्मैश से अपने नाम करते हुए 10-8 की बढ़त ले ली। ब्रेक तक सिंधु 11-8 से आगे हो गईं। ब्रेक के बाद कोर्ट पर लौटने के बाद सिंधु ने क्रॉस और स्मैश का जबरदस्त इस्तेमाल किया और बढ़त 17-11 कर ली। इसके बाद पहल गेम 21-13 से अपने नाम किया।

दूसरे गेम की शुरुआत भी लगभग पहले गेम की तरह रही। सिंधु ने पहले 3-1, 5-2 और फिर 8-3 की बड़ी बढ़त बना ली। इस दौरान सिंधु के स्पिन, क्रॉस और स्मैश शॉट देखने लायक थे। चीनी शटलर वापसी की पूरी कोशिश कर रही थी, लेकिन सिंधु ने ब्रेक तक 11-7 की बढ़त के साथ अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने 21-15 से जीतते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया।

भारत का तीसरा मेडल
इससे पहले वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल भारत की झोली में डाला था, जबकि लवलीन ने बॉक्सिंग में मेडल पक्का कर लिया है। हालांकि उनका मुकाबला अभी तक नहीं हुआ है। सिंधु के ब्रॉन्ज मेडल के साथ ही भारत के नाम तीन मेडल हो गए हैं।

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