सामाजिक सौैहार्द्र का बेहतरीन उदाहरण- सामूहिक इफ्तार के जरिए 22 साल से पूरे महीने रोजेदारों की सेवा करते आ रहे है पप्पू सरदार

जमशेदपुर। सामाजिक सौहार्द के अनगिनत किस्से कहानियां आपने सुनी होगी लेकिन जमशेदपुर में जो कुछ होता है वह अपने आप में अनूठा हैवैसे तो रमजान के पवित्र महीने में कई जगह पर सामूहिक इफ्तार के आयोजन विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों द्धारा किये जाते हैं। लेकिन साकची बाजार हंडी लाईन स्थित मनोहर चाट में सिने अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के फैन के रुप में विख्यात पप्पू सरदार जिस अंदाज में सामूहिक इफ्तार का आयोजन करते हैं वह पूरे देश में अपने आप में अनूठा है। हर शाम पप्पू अपनी दुकानदारी को करीब एक घंटे तक पूरी तौर पर रोजेदारों को समर्पित कर देते हैं . इस दौरान केवल रोजेदारों को ही दुकान में प्रवेश करने की इजाजत मिलती है वह भी बिना कुछ चुकाये हुए. उनको मुफ्त में बड़े ही सम्मान के साथ इफ्तार कराया जाता है।
हर दिन लगभग 150 से अधिक रोजेदार यहां सामूहिक इफ्तार करते हैं. इनमें कई का तो पूरा परिवार यहां इस नेक इंशान के आयोजन में हिस्सा बनने के लिये दूर से आता है। इफ्तार के समय पूरी दुकान का नजारा ही भिन्न हो जाता है। दुकान के अंदर क्षमता सेे डेढ गुणा लोग कैसे बैठ जाते हैं यह कोई केवल दुकान में आकर ही महसूस कर सकता है। दुकान के आगे और पीछे की जगह भी रोजेदारों से भरा होता है। यहां भी दर्जनों अतिरिक्त कुर्सियां एवं टेबल लगे होते हैं जिनमें रोजेदारों को बड़े आदर के साथ बिठाया जाता है। जितनी भीड़ बढती जाती है, पप्पू के चेहरे की खुशी और सकून और भी बढता जाता है। रोजेदारों के लिये प्लेट सजाते समय पप्पू के हाथ में गजब की तेजी आ जाती है और फटाफट बिना विलंब किये पप्पू पलक झपकते ही उनके लिये प्लेट सजा देते हैँ। रमजान का पवित्र महीना जैसे जैसे आगे बढता जाता है, पप्पू के यहां आने वाले रोजेदारों की संख्या बढती जाती है। रोजाना शाम कई ऐसे परिवार आते है जिनमें पति पत्नी एवं बच्चे मौजूद रहते है, कई मां बेटी और कई सखियां यहां इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिये पहुंचते है। जो पहली बार आता है उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है। कई युवतियां इफ्तार के बाद काउंटर पर पूछतीं, कितना हुआ तो उनको हाथ जोड़कर कहा जाता रहा कि इसके पैसे नहीं, आप आईं इसके लिये शुक्रिया। सामाजिक सौैहार्द्र का यह बेहतरीन उदाहरण शायद ही कहीं और देखने को मिले। इफ्तार के प्लेट में खजूर, केला, चना, खीरा, टमाटर, पकौड़ी, समौसा, चाय आदि तो रोजाना रहता है, कभी-कभार शरबत, बिरयानी, उत्पम, इटली एवं डोसा का भी बेहतरीन इंतजाम सब रोजेदारों के लिए रहता हैं। सभी आइटम बिलकुल ताजे, और बिलकुल गर्म रहते हैं। रोजेदार दिल से पप्पू की सलामति की दुआ करते हुआ उनसे बिदा लेते हैे। खास बात यह है कि पप्पू की दुकान का हर स्टाफ इस दौरान उतने ही मनोयोग से जुटा रहता है। कोई भी खड़ा न रहे, हर किसी के हाथ में इफ्तार का प्लेट, शरबत और पानी का गिलास हो यह सुनिश्चित किया जाता है। पप्पू खुद अपने हाथों से रोजेदारों को प्लेट देने के साथ साथ चाय देने तक जुटे रहते है। आम ग्राहक यदि वहां पहुंचते हैं, तो इस अद्भुत नजारा का आनंद उठाना नहीं चूकते। उनसे हाथ जोड़कर कुछ इंतजार करने को कहा जाता है और वे खुशी खुशी वहां इफ्तार खत्म होने तक इंतजार करते रहे। मालूम हो कि पिछले 22 सालों से हर साल पूरे महिने सामूहिक इफ्तार का आयोजन इसी प्रकार होता हैं।

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