पंचायत चुनाव : नीमडीह के 10 पूर्व मुखिया को जानिए – सोलर लाइट व जलमीनार में 22 लाख की हेराफेरी का मामला

जमशेदपुर । झारखंड पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है, प्रथम चरण के लिए प्रत्याशियों का नामांकन भी हो रहा है। नामांकन दाखिल करने का आज अंतिम दिन है। अलग झारखंड राज्य गठन के बाद यह तीसरा पंचायत चुनाव है जो कोरोना महामारी के कारण करीब पिछले डेढ़ साल से लंबित थी। पंचायत चुनाव में एक से बढ़कर एक धुरंधरों ने नामांकन दाखिल किया है। इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता, गैर राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हैं। वहीं, निवर्तमान पदधारी एवं उनके पति/पत्नी भी पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए नामांकन किया है।
मौसम की तपिश के साथ साथ पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में राजनीतिक बाजार भी गर्म है। प्रत्याशियों के आचरण, कार्यशैली और लोकप्रियता को लेकर भी चर्चा चल रही हैं। ऐसे समय में हम फिलहाल आपको पंचायत के उन निवर्तमान जनप्रतिनिधियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनपर सरकारी राशि के घोटाले का आरोप है।
सरायकेला – खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड में कुल 13 पंचायत हैं, जिसमें से 10 निवर्तमान मुखिया पर करीब 22 लाख रुपए की अनियमितता बरतने का आरोप है। उन दस मुखिया के साथ संबंधित पंचायत के सचिवों को भी आरोपी बताया गया है। अनियमितता बरतने की इस सूची में जिन पूर्व जनप्रतिनिधियों के नाम है, उन्हें जानकर नीमडीह वासियों के होश भी उड़ सकते हैं। बता दें कि गत 21 जनवरी 2022 यानी कि तीन माह पूर्व नीमडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय से नीमडीह प्रखंड के 10 पूर्व मुखिया एवं संबंधित पंचायतों के सचिव को पत्र जारी कर करीब 22 लाख रुपए जमा करने का आदेश जारी किया गया था। जिसमें 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया गया था। बताया जाता है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय से जारी किए गए निर्देश पत्र में ग्राम पंचायत लुपुंगडीह, गुण्डा, गौरडीह, झिमड़ी, लाकड़ी, टेंगाडीह, तिल्ला, आदारडीह, सामानपुर एवं बाड़ेदा के मुखिया एवं पंचायत सचिव को 24 घंटे के भीतर संबंधित पंचायत बैंक में करीब 22 लाख रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया गया था। जिसमें (1) लुपुंगडीह पंचायत सचिव रमेश सोय – मुखिया जयदेव सिंह सरदार से 481424 रूपये (2) पंचायत गुण्डा के पंचायत सचिव सुखलाल महतो – मुखिया पुष्पा सिंह से 225440 रूपये (3) गौरडीह पंचायत सचिव सुकलाल महतो – मुखिया सुनील सिंह से 179979 रूपये (4) झिमड़ी पंचायत सचिव स्वर्गीय नीलकमल प्रमाणिक – मुखिया सरस्वती सिंह मुंडा से 22355 रूपये (5) लाकड़ी पंचायत सचिव स्वर्गीय नीलकमल प्रमाणिक – मुखिया पुष्पा मोदी से 332800 रूपये (6) टेंगाडीह पंचायत सचिव मुकेश चंद्र महतो – मुखिया स्वर्गीय निमाई सिंह से 273284 रूपये (7) तिल्ला पंचायत सचिव मकर चंद्र महतो – मुखिया बिनापानी देवी से 322972 रूपये (8) आदारडीह पंचायत सचिव मकर चंद्र महतो – मुखिया जोशना सिंह से 21412 रूपये (9) सामानपुर पंचायत सचिव रघुनाथ सिंह मुंडा – मुखिया मंदाकिनी सिंह से 164978 रूपये तथा (10) बाड़ेदा पंचायत सचिव रघुनाथ सिंह मुंडा – मुखिया बरुण सिंह से 163236 रूपये वसूली का का आदेश जारी किया गया था। आदेशानुसार तय समयसीमा खत्म होने के करीब एक महीने बाद भी किसी भी मुखिया या पंचायत सचिव ने राशि को जमा नहीं किया था। शायद ये सभी मामले को रफा दफा करने के प्रयास में थे। लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा फटकार लगाने, मामला लोकायुक्त से होने की बात बताने तथा एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी पर सभी मुखिया व सचिव एक पैर पर खड़े हो गए, सभी के हाथ पांव फूलने लगे थे। जेल जाने और अन्य कार्रवाई से बचने के लिए सभी ने आनन फानन में वसूली राशि को संबंधित पंचायत बैंक में जमा किया। वहीं, जमा की गई राशि से संबंधित कागजात प्रखंड कार्यालय को समर्पित किया।

यहां समझें पूरा मामला :
दरअसल हजारीबाग – चौपारण निवासी परिवाद सिकंदर नवाज खान ने झारखंड के लोकायुक्त के यहां शिकायत की थी। परिवाद संख्या 01/ लोक (ग्रामीण विकास विभाग) 54/2018 में लोकायुक्त में शिकायत दर्ज किया गया था। शिकायत में बताया गया था कि हजारीबाग तथा सरायकेला खरसवां जिला के कई पंचायतों की राशि में घोटाला किया गया है। शिकायत थी कि सरायकेला खरसवां जिले के नीमडीह प्रखंड के पंचायतों में पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा सरकारी राशि की अनियमितता की गई हैं। उक्त शिकायत पर लोकायुक्त ने संज्ञान लेते हुए सरायकेला खरसवां जिले के उपायुक्त को तीन महीने में मामले की जांच करने का निर्देश जारी किया था। लेकिन 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव एवं अधिकारियों के तबादले के कारण जांच रुकी हुई थी। जांच रिपोर्ट नहीं भेजे जाने की परिस्थिति में जिले के उपायुक्त को लोकायुक्त की ओर से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था। कई बार स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद अंततः सरायकेला खरसावां उपायुक्त ने मामले के जांच की जिम्मेदारी सरायकेला खरसावां जिला के उप विकास आयुक्त को सौंपी। जिसमें उप विकास आयुक्त ने अपने जांच में नीमडीह प्रखंड के 13 पंचायत में से 10 मुखिया एवं संबंधित पंचायत सचिव को दोषी पाया। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रखंड के पंचायतों में पंचायत सचिव एवं मुखिया द्वारा सोलर लाईट एवं सोलर एनर्जी जलमीनार पंचायत के गांवों में लगाने में सरकारी राशि की अनियमितता की गई हैं। जांच में बताया गया है कि नीमडीह प्रखंड के दस पंचायत द्वारा ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) के पत्रांक सं० 1796 का पालन नहीं किया गया है। वहीं, तय मूल्य से अधिक मूल्य की लागत पर सोलर लाईट व जलमीनार क्रय किया गया है। लोकायुक्त को जांच रिपोर्ट भेजे जाने के साथ ही उप विकास आयुक्त ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को राशि वसूली का आदेश जारी कर दिया था। जिसके बाद प्रखंड कार्यालय के आदेश पर सभी मुखिया व पंचायत सचिव ने राशि जमा किया।

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