OBC आरक्षण बिल शून्य के मुकाबले 187 मतों से राज्यसभा में पारित, राज्यों को मिली सूची बनाने की शक्ति , राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बनेगा

नई दिल्ली। ओबीसी से जुड़ा संविधान (127वां संशोधन) विधेयक शून्य के मुकाबले 187 मतों से राज्यसभा में पारित हो गया है। अब ओबीसी कोटे में जातियों को शामिल करने की शक्ति राज्यों को मिलेगी।
राज्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की लिस्ट तैयार कर सकेंगे। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा। विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्रवाई फिर स्थगित हो गई।
क्या है ओबीसी विधेयक : संविधान (127वां संशोधन) बिल, 2021 को ओबीसी विधेयक के नाम से भी जाना जाता है। यह मामला बाद में सुप्रीम कोर्ट में गया था, जहां देश की शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक 102वें संविधान संशोधन के बाद से राज्यों के पास सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग की पहचान करने का अधिकार नहीं है।
वे अपने स्तर पर ओबीसी की लिस्ट भी नहीं बना सकते। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर केंद्र सरकार ने समीक्षा याचिका दायर की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद 4 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट ने एक संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दी, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी-अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने की शक्ति देने का प्रावधान करता है।

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