बिगड़ गई बात, नहीं निकलेगा अखाड़ा जुलूस,कल जमशेदपुर बंद का आह्वान

रामनवमी जुलूस आज नही निकलेगा, कल जमशेदपुर बन्द
अखाड़ा समिति व हिंदूवादी संगठनों का आह्वान

जमशेदपुर : हिन्दू नववर्ष शोभायात्रा में एक ट्रेलर के शामिल होने पर उसे ब्लैकलिस्ट करने के बाद अब रामनवमी जुलूस के लिए सज रहे ट्रेलर को पुलिस द्वारा जब्त करने का मामला गरमा गया है. शहर की सभी अखाड़ा समिति व हिन्दू संगठनों ने साकची झंडा चौक में बैठक कर पुलिस और जिला प्रशासन के रवैया के विरोध में शहर में आज रामनवमी के विसर्जन जुलूस नही निकालने और सरकार-प्रशासन द्वारा हिन्दू व हिंदुओं के पर्व त्योहार में पाबंदी लगाए जाने के खिलाफ कल, शानिवार को ‘जमशेदपुर बन्द’ करने की घोषणा की. ज्ञात हो कि कल गुरुवार को साकची बाल मंदिर अखाड़ा की शोभायात्रा के लिए तैयार किये जा रहे ट्रेलर को जब्त कर लिया था. इसके बाद सांसद बिद्युत महतो सहित कई भाजपाई व अखाड़ा समिति के लोगों ने प्रशासन को शुक्रवार सुबह 9 बजे तक वाहन छोड़ने की मांग की थी. प्रशासन द्वारा ऐसा नही करने के बाद आज सुबह साकची में बैठक कर उक्त निर्णय लिया गया. इस मौके पर बाल मंदिर अखाड़ा के सचिव सह लाइसेंसी सुमन अग्रवाल सहित भाजपा नेता अभय सिंह, बिनोद सिंह, विकास सिंह, गुंजन यादव, नंदजी प्रसाद, मुन्ना सिंह, शिव शंकर सिंह, विहिप के अजय गुप्ता सहित कई लोग मौजूद थे.
अभय सिंह ने कहा कि यह निर्णय सरकार के तानाशाही रवैया को दर्शाता है, वह भी एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए. उन्होंने कहा कि वर्षों से शहर में शांतिपूर्वक विसर्जन जुलूस निकलता रहा है, लेकिन वर्तमान सरकार और प्रशासन हिंदुओं पर दमन करना चाहता है. यही कारण है कि आज भगवान राम और हनुमान के भक्त अपनी संस्कृति और धर्म के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं.
पुलिस प्रशासन का कहना है कि ट्रेलर और DJ की जगह छोटी छोटी गाड़ियों पर झांकी और परंपरागत ढोल नगारों पर कोई रोक नहीं लगी. इस मामले को मुट्ठी भर लोग मुद्दा बना कर माहौल राजनीति करने वाला बना रहे हैं. सांसद श्री महतो से सौहार्द्र पूर्ण बातचीत हुई और वैकल्पिक वाहनों पर झांकी निकालने पर उन्होंने सहमति दी, लेकिन सांसद का कहना है कि जिला प्रशासन ने ऊंचे ड़ाला वाला ट्रक भेज दिया जिस पर झांकी की शोभा समाप्त हो जाती है.
विवाद का लब्बोलुआब यही निकलता दिखा कि गलतफहमी और जिद ज्यादा है.उपायुक्त की बातों से समितियों के प्रतिनिधि सहमत नहीं हैं. बीच का रास्ता निकालने के सुझाव पर भी लोग मानने को तैयार नहीं. यहां वोट राजनीति हावी होती जा रही.

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