एनजीटी के निर्देश पर कपाली में अवैध बालू उत्खनन की जांच , 7 हजार सीएफटी बालू सीज

– दो कारोबारी के विरुद्ध तीन एफआईआर दर्ज

चांडिल। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के निर्देश पर सरायकेला – खरसावां जिले के कपाली ओपी अंतर्गत सुवर्णरेखा नदी के गौरी घाट पर आज सुबह तीन सदस्यीय टीम ने दबिश दी है। इससे बालू कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। अवैध बालू खनन के खिलाफ हुई छापेमारी में पाया गया कि सुवर्णरेखा नदी में व्यापक स्तर पर अवैध रूप से बालू का उठाव किया जाता हैं।

आज अवैध खनन के विरुद्ध सुबह से लेकर अबतक कार्रवाई चल रही हैं। बताया गया कि पिछले दिनों एनजीटी को गौरी घाट से अवैध बालू खनन की सूचना मिली थी, जिसपर एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। तीन सदस्यीय जांच टीम में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी, सरायकेला – खरसावां व्यवहार न्यायालय के जिला मजिस्ट्रेट, तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा जांच के दौरान चांडिल एसडीओ शुभ्रा रानी, जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति, एसडीपीओ सुनील कुमार राजवार समेत कपाली ओपी की पुलिस शामिल थी।

छापेमारी के दौरान सुवर्णरेखा नदी में तीन अलग अलग स्थान पर स्टॉक बालू पाया गया, जिसे जांच टीम सीज कर लिया है। बताया जा रहा है कि करीब 7000 सीएफटी बालू को सीज किया गया है।

बताया जा रहा है कि कपाली ओपी में तीन अलग अलग एफआईआर दर्ज कराया गया है। तीन स्थानों पर पाए गए अवैध स्टॉक बालू को लेकर एफआईआर दर्ज कराया गया है, जिसमें गौरी निवासी भोलू सिंह तथा बबलू सिंह को अवैध बालू कारोबारी के रूप में आरोपी बनाया गया है।

15 अप्रैल को एनजीटी में होगी गौरी घाट की सुनवाई

सुवर्णरेखा नदी के गौरी घाट पर अवैध बालू खनन मामले की सुनवाई आगामी 15 अप्रैल को एनजीटी में होगी। इससे पूर्व तीन सदस्यीय टीम द्वारा की गई जांच रिपोर्ट एनजीटी में समर्पित की जाएगा। बता दें कि एनजीटी ने स्वत संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय टीम गठित कर गौरी घाट के जांच का निर्देश दिया था। आज तीन सदस्यीय टीम तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जांच की।

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