इसबार ‘रेल टेका आंदोलन’ में झारखंड के कुड़मी भी उतरे,20 से रेल चक्का जाम की तैयारी, 45 जोड़ी ट्रेनें होंगी प्रभावित

, प्रभारी मनोनीत
कुड़मी को पुन: अजजा में शामिल करने की मांग

जमशेदपुर, 16 सितंबर (रिपोर्टर) : कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की वर्षों पुरानी मांग को लेकर समाज के लोग पुन: एकबार आंदोलित हैं. लगभग एक वर्ष पूर्व पश्चिम बंगाल में किये गये आंदोलन को मिली सफलता को देखकर इसबार झारखंड के कुड़मी समुदाय के लोग भी इसी राह पर चल पड़े हैं. इस क्रम में महीनों तक गांव-गांव घूमकर लोगों को जागरुक करने के उपरांत आगामी 20 सितंबर को आदिवासी कुड़मी समाज व कुड़मी विकास मोर्चा ने रेल चक्का जाम करने की घोषणा की है.
इस संदर्भ में आदिवासी कुड़मी समाज के केन्द्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो ने बताया कि झारखंड सहित ओडि़सा व पश्चिम बंगाल में भी कुड़मी समाज रेल पटरी पर धरना पर बैठेंगे. कुड़मी समाज झारखंड से खनिज संपदा बाहर जाने नहीं देगा. बताया कि इसबार झारखंड से तीन स्थानों से एकसाथ रेल चक्का जाम करने की रणनीति तैयार की गई है. इसमें मनोहरपुर (पश्चिम सिंहभूम), गोमो व मुरी शामिल है. इन स्थानों पर रेल पटरी पर धरना देने के लिये अलग-अलग टीम व उनके प्रभारियों का भी मनोनयन किया गया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में दो स्थान तथा ओडि़सा के रामयपुर व बारीपादा में भी समाज के लोग आंदोलनरत रहेंगे.

सांसदों से विशेष सत्र में बिल लाने की मांग
हरमोहन महतो ने तीनों रा’य (झारखंड, बंगाल व ओडि़सा) के कुड़मी सांसदों से मांग की कि वे आगामी 18 से 22 सितंबर तक चलनेवाले लोकसभा के विशेष सत्र में कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी बिल लाएं. उन्होंने इस आशय की मांग जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, पुरुलिया के सांसद ’योतिर्मय सिंह महतो, गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और रा’यसभा सांसद खीरु महतो व ममता मोहन्ता से उक्त मांग की है.

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