कालूबगान हत्याकांड- सिदगोड़ा थाना में क्या क्या हो रहा खेल

फोटो में थाना के सामने बनी अवैध पक्की दुकान

जमशेदपुर 20 जनवरी संवाददाता:कालूबगान में परसो रात गोलू नामक युवक की पीट पीट कर की गई हत्या के मामले में एक आरोपी रोहित ने आज शाम साकची में सरेंडर किया जिसे सिदगोड़ा पुलिस ने गिरफ्तारी दिखाकर तत्काल उधर से उधर ही जेल भेज दिया। उसे सिदगोड़ा थाना नहीं लाया गया। न ही यहां कोई पूछताछ की गई। रोहित के पिता करमजीत सिंह कर्मे इस हत्याकांड का दूसरा आरोपी और आनंद सिंह तीसरा तथा अन्य आरोपी हैं। शेष दोनो की भी गिरफ्तारी अभी तक नहीं की गई है. ऐसी सूचना है कि परसो रात हिंसा के बाद कर्मे और अन्य को रात में सिदगोड़ा थाना लाया गया था लेकिन उन्हें जिन परिस्थितियों में छोड़ा गया उसे लेकर तरह तरह की चर्र्चा है। हाथ आये अभियुक्त को थाने से छोडऩा और घटना के 48 घंटा बीत जाने केबाद भी उसको गिरफ्तार नहीं करना तरह तरह की शंकाओं को जन्म दे रहा है। कर्मे कोई इतना बड़ा प्रभावशाली व्यक्ति नहीं है कि हत्या कांड में उसे इस तरह खेलने का मौका मिले। इसके पीछे कौन सी माया है सहज अनुमान लगाया जा सकता है। हत्या के आरोपी रोहित को सिदगोड़ा थाना शायद इसलिये नहीं लाया गया कि थाने में उसे लेकर पीडि़त पक्ष द्वारा बवाल करने की आशंका हुई हो लेकिन उसे इतनी जल्दी जेल भेजने की क्या हड़बड़ी थी जबकि विवाद क्या हुआ, हत्या कैसे की, इनसबपर पूछताछ के लिये उसे नियमानुसार 24 घंटे तक तो हिरासत में रखा ही जा सकता था। अगर थाना अपने खेलके चलते सहमा हुआ नहीं है तो हत्या के आरोपी को पकडऩे की बहादुरी दिखाने के बजाय चुप चुप उसे साकची थाना में बुलाकर वहीं से जेल भेज देने के पीछे क्या मकसद हो सकता है?
कालूबगान में जिस स्थान पर चेचिस लग रहे थे, आज भी वहां 10-12 चेचिस खड़े हैं। मृतक युवक केशव का अभी तक दाह संस्कार नहीं किया गया है। परिवार वाले अभी भी गुस्सा में हैं और उनकी मांग है कि जबतक हत्यारों को पकड़ा नहीं जाता वे शव का संस्कार नहीं करेंगे। कहा जाता है कि चेचिस को वहां से नहीं हटाने देने के लिये लोग अड़े हुए हैं। फिलहाल उन चेचिसों को हटाने के लिये भी मांडवाली का खेल चल रहा है। चेचिस का ठेकेदार विजय सिंह है और गाडिय़ों के फंसने के चलते टाटा मोटर्स द्वारा उसपर दबाव बनाया जा रहा है।
नियमत: कानून और अभियोजन पीडि़त पक्ष के साथ $खड़ा होता है लेकिनयहां ऐसा लग रहा है कि सिदगोड़ा थाना हत्यारों को ही बचने का मौका दे रहा है और मृतक का परिवार बेटे की जान के बाद न्याय के लिये छटपटा रहा है। यह किसकी माया है और कैसी पुलिसिंग है? यूं तो सिदगोड़ा थाना बालू चोरी, अवैध शराब बिक्री, मादक पदार्थों के धंधे और राजनीतिक खींचतान को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है लेकिन फिलहाल पुलिस सरकारी और टिस्को की जमीन भी दखल कराने में लग गई है। ताजा नमूना सिदगोड़ा थाना का मोड़ 28 नंबर चौक है जहां सिदगोड़ा थाना का बोर्ड, आरक्षी निरीक्षक कार्यालय सिदगोड़ा का बोर्ड, लगा हुआ है ठीक वहीं एक सरकारी भूखंड को घेरकर पक्की दुकान बनाई जा रही है। उसकी ढलाई भी हो गई है और बाहर से रंग रोगन कर खेल पूरा कर लिया गया है। थाना से100 मीटर की दूरी पर यह अतिक्रमण किसकी मेहरबानी से हुआ?

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