सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दिल्ली में कौन आएगा-कौन नहीं, यह पुलिस तय करेगी

किसानों के ट्रैक्टर मार्च पर सुनवाई टली
नई दिल्ली 18 january
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर मार्च निकालने की मांग के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार तक टल गई। लेकिन, कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कौन आएगा-कौन नहीं, यह पुलिस तय करेगी, क्योंकि यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि इस मामले को डील करने के लिए आपके पास पूरी अथॉरिटी है। हम यह नहीं कह रहे कि आपको क्या करना चाहिए। हम 20 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेंगे।
दिल्ली पुलिस के तर्क क्या हैं?
कोई भी रैली या ऐसा विरोध जो गणतंत्र दिवस समारोह में खलल डालने की कोशिश करता है, वह देश को शर्मिंदा करने वाला होगा।
इससे दुनियाभर में देश की बदनामी होगी। कानून-व्यवस्था खराब होने की स्थिति बन सकती है।
अलग-अलग रिपोर्ट्स का हवाला देकर कहा गया है कि कई किसान गणतंत्र दिवस की परेड में खलल डालने के लिए लाल किले तक पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं।
किसान नेताओं का क्या कहना है?
किसान नेताओं का कहना है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर तिरंगे के साथ निकाला जाएगा।
गणतंत्र दिवस समारोह में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी।
किसानों का आरोप- आंदोलन से जुड़े लोगों को टारगेट किया जा रहा
क्रांतिकारी किसान यूनियन के मुखिया दर्शन पाल ने कहा कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करना शुरू कर दिया है जो किसान आंदोलन का हिस्सा हैं या जिन्होंने इसका समर्थन किया है।
NIA ने किसान आंदोलन से जुड़े 50 से ज्यादा नेताओं और कारोबारियों को समन भेजा है। इनमें पटियाला में बब्बर खालसा के आतंकी जगतार सिंह हवारा के पिता गुरचरन सिंह और किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा भी शामिल हैं।

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