अंतिम संस्कार के लियेें राजधानी रांची में लाश से भरे एंबुलेंस की कतार,शव के साथ ड्राइवर कर रहे इंतजार

रांची
यह तश्वीर रांची की है। श्मशान घाट में लकड़ी कम पड़ जाने के कारण घाघरा घाट के बाहर सडक़ पर लगभग 40 एंबुलेंस खड़ी हो गई थी। रांची की स्थिति रोज भयावह होते जा रही है। इसकी कहानी बयां कर रही है श्मशान घाट में कतारबद्ध शव से भरी गाडय़िां। सोमवार को भी रांची में कुछ ऐसा ही भयावह मंजर देखने को मिला। रांची के हरमू स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार की मशीन खराब थी और डोरंडा के घाघरा स्थित श्मसन घाट में लकडिय़ां कम पड़ गई।
सडक़ पर एंबुलेंस की कतार लग गई। सभी में कोरोना के मृतकों का शव था। हालांकि तस्वीर बाहर आते ही जिला प्रशासन की नींद खुली और प्राथमिक्ता के आधार पर घाघरा के घाट पर लकडय़िों को पहुंचाया गया। जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक 5 बजे तक 38 शवों का संस्कार किया गया था। हालांकि एसडीओ 27 का ही आकंड़ा बताते हैं।
एसडीओ ने कहा- सभी शव का संस्कार 24 घंटे में होगा

एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि सभी शवों का अंतिम संस्कार 24 घंटे के भीतर होगा। पूरा प्रशासन इस बात के लिए अलर्ट है। उन्होंने बताया कि वे खुद घाघरा घाट की व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं और वहां कोई पेंडेंसी नहीं है। उन्होंने बताया कि हरमू मोक्ष धाम की मशीनें खराब हुई थी लेकिन अब उसे भी बना लिया गया है । वहां भी शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

रविवार को 116 शवों का हुआ था अंतिम संस्कार
रांची में रविवार को मौत का नया रिकार्ड बना। शहर के पांच श्मशानों और दो कब्रिस्तानों में 116 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इस साल एक दिन में इतने शव आने का यह रिकार्ड है। इससे पहले 15 अप्रैल को 100 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था। हालांकि, जिला प्रशासन के आंक?े के अनुसार कोरोना से रोजाना पांच से आठ लोगों की ही मौत हो रही है। 18 अप्रैल को प्रशासन ने कोरोना से 11 मौतों का आंक?ा जारी किया। पर श्मशान-कब्रिस्तान में लगी शवों की कतार कुछ और ही सच्चाई बयां कर रही हैं।

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