कोविशील्ड को लेकर भ्रम


कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर नित आने वाले नये-नये गाइड लाइन ने लोगों को भ्रम में डाल दिया है जो स्वाभाविक है। पहले दोनों डोज के बीच 28 दिनों का अंतर रखा गया था, बाद में उसे बढ़ाकर 42 दिन कर दिया गया। अब सरकारी पैनल की सिफारिश के बाद 12 सप्ताह के बाद कोविशील्ड का दूसरा डोज दिया जाएगा। इस फैसले के बाद यह चर्चा फैली कि वैक्सीन की कमी को देखते हुए यह अंतर बढ़ाया गया है। हलांकि बाद में विशेषज्ञों की ओर से कहा गया कि दोनों डोज के बीच का अंतर जितना अधिक रखा जा रहा है यह टीका उतना ही प्रभावी हो रहा है। 8 से 12 सप्ताह का अंतर रखने पर सफलता का प्रतिशत 63.09 हो गया जबकि 28 दिन बाद टीका लेने पर सफलता का प्रतिशत 59 प्रतिशत था। अब दावा किया जा रहा है कि 12 सप्ताह बाद टीका लेने पर सफलता का प्रतिशत 81.3 हो जा रहा है। यूके, ब्राजील एं दक्षिण अफ्रीका के 17178 लोगों के डाटा के आधार पर यह आंकड़़ा तैयार किया गया है। यूके में जब जनवरी-फरवरी में आक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका वैक्सीन के डोज लगाये गये तो वहां अंतर 12 सप्ताह का रखा गया था। उस समय सरकार की यह मंशा थी कि दोनों डोज के बीच जितना अधिक अंतर रखा जाएगा, उसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिया जा सकेगा तथा अधिक लोगों को मौत से बचाया जा सकेगा। भारत में भी इसी तरह के हालात पैदा हो गये और यहां वैक्सीन को लेकर जिस तरह की मारामारी होने लगी इसी बीच दूसरे डोज के लिये 12 सप्ताह का अंतर किया जाना भ्रम को पैदा कर गया।
अब जिन लोगों ने 28 दिन बाद दूसरा डोज लिया है उनमें इस बात का संदेह पैदा होना स्वाभाविक है कि वे दोनों डोज लेने के बाद भी उतने सुरक्षित नहीं है जितना 42 दिन या 12 सप्ताह के अंतर पर डोज लेने वाले रहेंगे। अब इस भ्रम के कारण लोग कोविशील्ड लेने से घरबाने लगे है। जिन्होंने कोविशील्ड का पहला डोज लिया है, वे तो अब इसी टीका का दूसरा डोज लेने को विवश है चाहे दूसरे डोज का अंतर जितना भी रखा जाये, लेकिन जो पहला डोज लेने जा रहे है वे कोविशील्ड लेने से परहेज कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस बात की संभावना है कि कोविशील्ड का डोज कोई भी न ले क्योंकि तबतक अधिक प्रभावी मानी जाने वाली स्पुतनिक -वी का टीकाकरण शुरु हो जाएगा। आज से स्पुतनिक-वी की डिलेवरी शुरु हो गई। फिलहाल हैदाबाद में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सीमित अवधि के लिये उपलब्ध कराई जा रही है। कोवैक्सीन को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं है। इसका दूसरा डोज 28 दिन बाद ही दिया जाना है। जो भ्रम है वह कोविशील्ड को लेकर पैदा हुआ है। इस भ्रम को जल्द दूर किया जाना चाहिए।

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