कोलपेंशनकर्मी मात्र 1000 रु पेंशन पर गुजारा को विवश

प्रतिनिधिमंडल सांसद से मिला

जमशेदपुर कोल इंडिया के कुछ सेवानिवृत अधिकारियों ने जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो से मुलाकात कर उन्हें कोल क्षेत्र के पेंशन भोगियों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि कोल इंडिया और सीएमपीएफ द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए सेवानिवृत अधिकारियों के पेंशन का पुनरीक्षण नहीं किया जा रहा है जिस कारण नतीजतन कुछ अधिकारी इस महंगाई के युग में मात्र 500,1000 रुपए पेंशन पर गुजारा करने को मजबूर है। सांसद ने आश्वासन दिया कि अपनी ओर से सहानुभूति पूर्वक विचार कर वे कोयला मंत्री को लिखूंगा साथ ही आगामी संसद सत्र में विशेष रूप से प्रश्न उठाने का प्रयास करूंगा।
ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कॉल एक्जक्यूटिव एवं ऑल इंडिया कॉल पेंशनर्स एसोसिएशन के संयोजक पीके राठौर ने बताया कि एआईएसीई और एआईसीपीए का एक प्रतिनिधिमंडल जमशेदपुर के सांसद से उनके आवासीय कार्यालय में मिला .सांसद से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में बी के श्रीवास्तव, बी डी पकरशी, जी एस सिंह, आर एल प्रसाद, यू एस कलसी, ए के मजूमदार और टीके चौधरी शामिल थे। विदित हो कि सीएमपीएस 1998 के तहत पेंशन शुरू होने के बाद से इसकी समीक्षा के प्रावधान के बावजूद पूर्व में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई और कई कोयला कर्मियों को 1000 रु से 2000 के बीच ही पेंशन मिल रहा है कुछ मृत कोयला कर्मियों के जीवन साथियों को मासिक पेंशन 500 रु से भी कम मिल रहा है जो न्यूनतम दैनिक भोजन और जीने के लिए अपर्याप्त है। देश में करीब पांच लाख कोयला पेंशनभोगी एवं उनके परिवार के करीब 50 लाख आश्रित प्रभावित हो रहे हैं।

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