चाईबासा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 15 नक्सलियों नें किया आत्म समर्पण, सभी नक्सली एक करोड़ की ईनामी नक्सली मिशिर बेसरा दस्ते के

चाईबासा लोकसभा चुनाव से पहले अगर नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं तो पुलिस के लिए अब तक की सबसे बड़ी सफलता होगी, पश्चिमी सिंहभूम जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की लगातार छापामारी अभियान के बाद एक दर्जन नक्सली ने सरेंडर किया है.
इस संबंध में पुलिस केंद्र चाईबासा में पुलिस उप-महानिरीक्षक, सिंहभूम (कोल्हान) क्षेत्र, पुलिस उप-महानिरीक्षक, (Ops), CRPF, उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों ने पूरी जानकारी दी..
सभी नक्सली माओवाद के सेंट्रल कमिटी के एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते के हैं. चाईबासा पुलिस से सभी 15 नक्सलियों ने संपर्क किया था कि वे जंगल की दुनिया छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं.जल्द ही सभी को पुलिस अधिकारियों के समक्ष विधिवत रूप से आत्मसमर्पण कराया जायेगा.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के नाम

प्रधान कोड़ा उर्फ देवेन कोड़ा (45)
चंद्रमोहन उर्फ चंद्रो अंगारिया उर्फ रोशन (29)
पगला गोप उर्फ घासीराम गोप (49)
विजय बोयपाई उर्फ अमन बोयपाई (23)
गंगा राम पुरती उर्फ मोटरा पुरती (19)
बोयो कोड़ा (46)
जोगेन कोड़ा (44)
पेलोंग कोड़ा उर्फ नीशा कोड़ा (19)
सोनू चांपिया (19)
रामजा पुरती उर्फ डुगूद पुरती (49)
नाबालिग
सोहन सिंह हेम्ब्रम उर्फ सीनू (24)
डोरन चांपिया उर्फ गोलमाय (23)
सुशील उर्फ मोगा चांपिया (50)
मनी चांपिया (40)

पुलिस एवं सीआरपीएफ के सामने सरेंडर करेंगे 10-15 नक्सली

सुरक्षा बलों के सामने हथियार डालने वाले 15 नक्सलियों में 7 की उम्र 30 साल से कम है. एक नाबालिग है और 3 की उम्र महज 19 साल है. एक नक्सली की उम्र 50 साल है. पुलिस एवं सुरक्षा बलों का कहना है कि भाकपा माओवादी संगठन के आंतरिक शोषण, भयादोहन एवं पुलिस की लगातार बढ़ती दबिश की वजह से कई नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. नक्सलियों ने झारखंड पुलिस एवं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के समक्ष सामूहिक रूप से सरेंडर किया.

ये सभी नक्सली कोल्हान और सारंडा के बीहड़ों में सक्रिय थे. शाम 04.00 बजे पुलिस केंद्र चाईबासा में पुलिस उप-महानिरीक्षक, सिंहभूम (कोल्हान) क्षेत्र, पुलिस उप-महानिरीक्षक (अभियान) सीआरपीएफ, पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और कहा कि वे मुख्यधारा में लौटने के लिए सरेंडर कर रहे हैं. पुलिस ने यह भी बताया कि ये सभी नक्सली पश्चिमी सिंहभूम के स्थानीय निवासी हैं.

2022 से नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बल चला रहे ऑपरेशन

पुलिस के मुताबिक, पश्चिमी सिंहभूम जिले में वर्ष 2022 से लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है. पुलिस ने अब तक 161 नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं वर्ष 2022-23 में 11 नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए. पुलिस ने नक्सलियों के 375 विस्फोट, हथियार, कारतूस एवं अन्य दैनिक उपयोग के सामान बरामद किए हैं.
वहीं, पुलिस इस सरेंडर को बड़ी उपलब्धि मान रहा है. झारखंड में नक्सलियों को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए आत्म समर्पण नीति से प्रभावित होकर नक्सली यह बड़े कदम उठा रहे हैं.कोल्हान के जंगल में सक्रिय बड़े नक्सली नेता का पुलिस को काफी दिनों से तलाश हैं.

इधर चाईबासा पुलिस सुत्रों से नें बताया की झारखंड पुलिस एवं CRPF के समक्ष सामूहिक रूप से कोल्हान और सारंडा के बीहड जंगलों में सक्रिय नक्सलियों के द्वारा आत्म समर्पण किया जाएगा।

कोल्हान के जंगल में पिछले एक साल से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. बूढ़ा पहाड़, बुलबुल जंगल, खूंटी, चाईबासा और सरायकेला खरसावां के ट्राई जंक्शन क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने के बाद सुरक्षा बलों का फोकस पश्चिम सिंहभूम के सारंडा क्षेत्र में है. सभी बड़े नक्सली इसी क्षेत्र में सिमटे हुए बताये जा रहे हैं. पुलिस कई महीनों से उनकी घेराबंदी कर रही है. झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों की बदौलत नक्सलियों के प्रभाव वाले कई गांव उनसे मुक्त कर लिये गये हैं. इस अभियान में सुरक्षा बलों को भी नुकसान पहुंचा है

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