कोलकाता स्टेडियम में बवाल की बड़ी बातें
महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान शनिवार को कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में मची अफरा-तफरी कानून-व्यवस्था के बड़े मामले में तब्दील हो गई, जिसमें पुलिस ने कथित कुप्रबंधन के आरोप में मुख्य आयोजक को हिरासत में ले लिया, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और फुटबॉल के इस दिग्गज खिलाड़ी को देखने से वंचित रह गए प्रशंसकों से माफी मांगी.
फुटबॉल के दीवानों के लिए जो जीवन का सबसे सुखद अनुभव हो सकता था, वह एक तरह से बुरी याद में बदल गया क्योंकि बड़ी रकम खर्च कर टिकट खरीदने के बावजूद हजारों प्रशंसकों ने अर्जेंटीना के इस दिग्गज एक साफ झलक नहीं मिल पाने से निराशा में यहां साल्ट लेक स्टेडियम के अंदर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
14 साल बाद भारत आए हैं मेस्सी
मेस्सी साल 2011 के बाद साल्ट लेक स्टेडियम में पहली बार आए थे, लेकिन यह एक अव्यवस्थित घटना बन गई. प्रशंसकों की भीड़ द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़ने, तोड़-फोड़ और पुलिस के हस्तक्षेप से यह आयोजन फीका पड़ गया. इस कार्यक्रम को फुटबॉल के महानतम वैश्विक सितारों में से एक के उत्सव के रूप में प्रचारित किया गया था लेकिन यह पूरी तरह से अराजकता में बदल गया.
मेस्सी तीन दिनों के भारत दौरे पर हैं, जिसकी शुरुआत कोलकाता से हुई. उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारतीय फुटबॉल अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. भारत फीफा रैंकिंग में 142वें स्थान पर खिसक गया है जो 2016 के बाद उनकी सबसे खराब रैंकिंग है. यही नहीं मौजूदा सत्र का लगभग आधा समय बीत जाने के बाद बावजूद घरेलू फुटबॉल की शीर्ष प्रतियोगिता (इंडियन सुपर लीग) शुरू होने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.
स्टेडियम में पहुंचे 50 हजार लोग
विश्व कप विजेता कप्तान मेस्सी अपने लंबे समय के साथी लुई सुआरेज और अर्जेंटीना के टीम के साथी रोड्रिगो डी पॉल के साथ सुबह करीब 11.30 बजे स्टेडियम पहुंचे. स्टेडियम में लगभग 50,000 दर्शक मौजूद थे. मैदान पर उनके कदम रखते ही वह आयोजकों, मशहूर हस्तियों और सुरक्षा कर्मियों की भीड़ में घिर गए, जिससे गैलरी में बैठे सामान्य दर्शक एक झलक देखने के लिए तरसते रह गए. मेस्सी ने मैदान पर थोड़ी दूर चहलकदमी की और ‘मेस्सी, मेस्सी’ के नारों के बीच दर्शक दीर्घा की ओर हाथ हिलाया.
मेस्सी के समय से पहले मैदान से निकलने की खबर फैलते ही दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा. मैदान में बोतलें और फिर प्लास्टिक की कुर्सियां भी फेंकी गईं. प्रायोजक बैनर और होर्डिंग फाड़ दिए गए, बड़ी संख्या में सीटें तोड़ दी गईं और भीड़ ने मैदान के कुछ हिस्सों में जबरन घुसने के लिए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बढ़ते हंगामे के बीच प्रशंसकों ने बिस्वास और आयोजक शताद्रु दत्ता की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारे लगाए. प्रशंसकों ने आयोजकों को इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के घोर कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यह भी कहा कि मेस्सी के बाहर निकलने के तुरंत बाद आयोजक (प्रमोटर शताद्रु दत्ता और उनकी टीम) मैदान पर दिखना बंद हो गए तो स्थिति और बिगड़ गई.
स्टेडियम में तैनात करनी पड़ी RAF
कुछ मिनट के बाद सैकड़ो की संख्या में दर्शक मैदान पर उतर आए. दर्शकों ने अस्थायी टेंट फाड़ दिए और वहां रखे उपकरणों को नुकसान पहुंचाया. पुलिस कर्मियों को विरोध करने वाली भीड़ के बढ़ने से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. इससे निपटने के लिए स्टेडियम के अंदर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात करना पड़ा.
अर्जेंटीना के इस स्टार खिलाड़ी को देखने के लिए 4,500 से 10,000 रुपये तक के टिकट खरीदे थे. ब्लैक में इन टिकटों की कीमत 20,000 रुपये से अधिक थी. इस कार्यक्रम का काफी प्रचार किया गया था और लोग सुबह आठ बजे से ही स्टेडियम पहुंचने लगे थे. प्रशंसक बड़ी संख्या में अर्जेंटीना फुटबॉल टीम और 10 नंबर की जर्सी पहन कर आए थे. मेस्सी के स्टेडियम पहुंचने से पहले मोहन बागान और डायमंड हार्बर के बीच 35 मिनट का प्रदर्शन मैच खेला गया. इस मैच में भी सभी खिलाड़ियों ने 10 नंबर की जर्सी पहनी थी.
अराजकता के कारण कार्यक्रम को अचानक रोकना करना पड़ा, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई आमंत्रित गणमान्य व्यक्ति योजना के अनुसार भाग नहीं ले पाए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मेस्सी को निर्धारित समय से पहले स्टेडियम से हटाने के कारण बिगड़ी लेकिन यह बेकाबू नहीं हुई.
ममता बनर्जी ने जांच के लिए बनाई कमेटी
मेस्सी के स्टेडियम से निकलने के कुछ घंटों बाद ममता ने कुप्रबंधन पर गहरा सदमा व्यक्त करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की. उन्होंने एक पोस्ट में मेस्सी और स्टेडियम आये प्रशंसकों से माफी मांगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आज साल्ट लेक स्टेडियम में जो कुप्रबंधन देखने को मिला, उससे मैं बहुत दुखी और स्तब्ध हूं.’
उन्होंने कहा कि विश्व कप विजेता स्टार की एक झलक पाने की उम्मीद में हजारों प्रशंसक स्टेडियम में जमा हुए थे. जांच समिति की अध्यक्षता कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशीष कुमार राय करेंगे. इस समिति में गृह एवं पर्वतीय मामलों के विभाग के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव भी होंगे. ममता ने कहा कि समिति घटना की विस्तृत जांच कर जिम्मेदारी तय करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाएगी.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं एक बार फिर सभी खेल प्रेमियों से तहे दिल से माफी मांगती हूं.’
मेस्सी इवेंट का ऑर्गनाइजर अरेस्ट, ममता बनर्जी ने मांगी माफी, जांच के आदेश… कोलकाता स्टेडियम में बवाल की बड़ी बातें
कोलकाता के खेल प्रेमियों के लिए इसे एक काला दिन करार देते हुए राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार को सॉल्ट लेक स्टेडियम में मेस्सी के कार्यक्रम के आयोजक को कुप्रबंधन के लिए गिरफ्तार करने का निर्देश दिया.
राज्यपाल बोले- हालात के लिए आयोजक और CM जिम्मेदार
बोस ने कहा कि इस स्थिति के लिए कार्यक्रम के आयोजक पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, लेकिन पुलिस ने भी अपना काम ठीक से नहीं किया. पुलिस ने भी सरकार, जनता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (जो गृह मंत्री भी हैं) को निराश किया.
इस बीच कार्यक्रम के आयोजक दत्ता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दत्ता को आयोजन के कथित तौर पर कुप्रबंधन के आरोप में कोलकाता हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया, जहां वह मेस्सी और उनके साथ आये अन्य अतिथियों को हैदराबाद जाते समय विदा करने गए थे.
बंगाल के DGP ने क्या बताया?
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने कहा, ‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या आयोजकों की ओर से कोई कुप्रबंधन हुआ था, जिसके कारण स्टेडियम में अफरा-तफरी मची. उन्हें हिरासत में ले लिया गया है और पुलिस ने अब स्थिति पर काबू पा लिया है.’
कुमार ने बताया कि आयोजक ने दर्शकों को बेचे गए टिकटों की कीमत वापस करने का लिखित में वादा किया है. अपनी फुटबॉल संस्कृति पर गर्व करने वाले कोलकाता के लिए टूटी कुर्सियों, फटे बैनरों और नाराज प्रशंसकों के दृश्य एक दर्दनाक कहानी बयां कर रही थी. ‘सिटी ऑफ जॉय’ में फुटबॉल प्रशंसकों के लिए जो दिन यादगार होना चाहिए था, वह किसी बुरे सपने में बदल गया.
