Chandil. सरायकेला खरसवां जिले के चांडिल स्टेशन पर रेक लोडिंग होती हैं। इन दिनों यहां से रोजाना सैकड़ों हाइवा वाहनों से कोयला ढुलाई हो रही हैं। इन वाहनों से क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों को कोयला उपलब्ध कराया जाता  है। कोयला लोड हाइवा वाहन स्टेशन स्थित रेक  से एनएच 32 चांडिल बाजार होते हुए गोलचक्कर तक पहुंचते हैं। यहां से विभिन्न दिशाओं में अवस्थित आयरन स्पंज कंपनियों व पावर प्लांट तक कोयला आपूर्ति की जाती हैं।
इन वाहनों में धड़ल्ले से ओवरलोड कोयला ढुलाई होती हैं। यह क्षेत्र  राज्य के  परिवहन मंत्री चंपई सोरेन के गृह जिले में ही पड़ता है। धड़ल्ले से ओवरलोडिंग कोयला वाहन चलने से उनके विरोधी चुटकी ले रहे हैं  कि कानून की धज्जियां उड़ाने वाले वाहनों पर किसी तरह की कार्रवाई उनके मातहत  परिवहन विभाग क्यों नही करता ? ओवरलोड के कारण चांडिल बाजार में कोयले के बड़े बड़े टुकड़े गिरते हैं और  वाहनों से  दब कर ये  टुकड़े धूल में बदल जाते  हैं। चांडिल बाजार से गोलचक्कर तक धूल उड़ती हैं। इन दिनों कोयले की धूल उड़ने से यहां के दुकानदारों व निवासियों को काफी परेशानी हो रहीं हैं। बताया जाता है कि ओवरलोड कोयला ढुलाई वाले वाहनों के मालिकों को सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण आम आदमी उनका खुलकर विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते और विरोधी केवल चटखारे लेते हैं और कहते हैं जब लोगों ने सरकार बनवाई तो भोगें भी। हालांकि, चांडिल बाजार के प्रायः सभी दुकानदार व निवासी दबी जुबान से अपनी परेशानी जरूर बताते हैं लेकिन जिला प्रशासन की शिथिलता के कारण कोयला ढुलाई करने वालों का हौसला बुलंद हैं। चांडिल बाजार के दुकानदारों की मानें तो उनका कहना है कि ओवरलोड कोयला ढुलाई करने वाले हाइवा व डंपर मालिकों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों, स्थानीय नेताओं व अन्य प्रतिनिधियों को मैनेज कर रखा है।
