नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आगामी जनगणना के साथ जातिगत गणना कराने का निर्णय लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में बताया कि सरकार ने जनगणना के दौरान जातियों की गणना को शामिल करने का निर्णय लिया है।
मोदी कैबिनेट का फैसला
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जातिगत गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। यह कदम सामाजिक समावेशिता और नीतिगत योजनाओं को और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।”
कांग्रेस पर साधा निशाना
जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया। यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा, कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं। जबकि कुछ राज्यों ने यह अच्छा किया है, कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षण के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।
किसानों को दी बड़ी सौगात
मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को भी बड़ी सौगात दी है. गन्ने का FRP बढ़ाया गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 355 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है. यह बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है.”
शिलॉन्ग से सिल्चर कॉरिडोर को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शिलॉन्ग से सिल्चर कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है. सरकार ने मेघालय से असम तक नए हाइवे को मंजूरी दी है, जो 166.8 किलोमीटर लंबा 4 लाइन हाईवे होगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं- सिलचर से शिलांग और शिलांग से सिलचर एक बहुत बड़ी परियोजना हाई स्पीड कॉरिडोर हाईवे जो मेघालय और असम को जोड़ता है उसे मंजूरी मिली है. इसकी अनुमानित लागत 22,864 करोड़ रुपए है.”
विपक्ष लगातार कर रहा था मांग
यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों ने लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाया हुआ था। राहुल गांधी ने कई मौकों पर कहा था कि जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे लेकर देशभर में अभियान चलाए और संसद में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया।
कई राज्यों में पहले से हो चुकी गणना
गौरतलब है कि कुछ राज्यों में पहले ही जातिगत जनगणना कराई जा चुकी है। बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों ने अपने स्तर पर जाति आधारित सर्वेक्षण किए हैं, जिनके परिणामों ने सामाजिक और राजनीतिक चर्चाओं को नई दिशा दी है। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने 2023 में जातिगत जनगणना कराई थी, जिसके आंकड़ों ने राज्य में आरक्षण और सामाजिक नीतियों पर व्यापक बहस छेड़ दी थी।