समाज को नई दिशा देने में मीडिया का विशेष योगदान -कोमल भाई,‘श्रेष्ठ समाज के निर्माण में मीडिया की भूमिका’ कार्यक्रम

जमशेदपुर, 15 जून (रिपोर्टर) : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वाविद्यालय यूनिवर्सल पीस पैलेस रिट्रीट सेंटर में आयोजित ‘श्रेष्ठ समाज के निर्माण में मीडिया की भूमिका’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कोमल भाई ने कहा कि विश्व शांति, जलवायु, पर्यावरण संरक्षण समेत कई प्रकार की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के साथ उनका समाधान करने में मीडिया हमेशा आगे रहा है. समाज को नई दिशा देने में मीडिया का विशेष योगदान है. विकट परिस्थितियों में मीडियाकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना दायित्वों को पूरे मनोयोग से निभाने में अग्रसर रहते हैं. ब्रह्माकुमारी संस्था मानव जीवन की सर्वोच्चता का अभिप्राय है जिसने विश्व के हृदय में आत्म चेतना का प्रकाश फैलाने का पुनीत कार्य किया है. आत्म चिंतन करने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना महान कार्य है. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में मीडियाकर्मियों के सकारात्मक व संगठित प्रयासों से भारत विश्व गुरु के रूप में सबके सामने होगा, जिसके लिए ब्रह्माकुमारी संगठन के साथ समाज के हर वर्ग को मिलकर दृढ़तापूर्वक इस पुनीत कार्य में अपना योगदान देना चाहिए. कार्यक्रम में जमशेदपुर सहित आसपास के क्षेत्र बहरागोड़ा, चांडिल, पतरातु, घाटशिला, चाकुलिया से भी लगभग 75 पत्रकार शामिल हुए. कार्यक्रम को सफल बनाने में रागिनी बहन, सुधा बहन, सुकन्या बहन, संजू बहन, प्रीति बहन, रुबी बहन, आरती बहन, जया बहन, अरुण भाई, जितेन भाई, महेश भाई, दीपेश भाई, प्रसंचित भाई, दिनेश भाई, संजय भाई, रामदेव भाई, रंजीत भाई का विशेष सहयोग रहा.

फिर से स्थापित होगा भारत में शांति का स्वराज्य
ब्रह्माकुमारी कोल्हान क्षेत्र के मुख्य प्रशासिका अंजू बहन ने मीडियाकर्मियों को निरंतर सकारात्मक दिशा में अहम योगदान देने पर बल दिया. कहा कि शांति कभी भारत में था, जो फिर से स्थापित हो रहा है. शांति कोई जंगल में जाने से नहीं मिलती बल्कि कर्म करते हुए धैर्यता, सरलता, शीतलता, मन की स्थिरता, पारदर्शिता, स्नेहमयी व्यवहार बनाए रखना स्वाभाविक अनुभूति का नाम है.

आत्मा के सत्य को जाने बिना प्रगति संभव नहीं
न्यू इस्पात मेल के संपादक बृजभूषण सिंह ने कहा ने कहा कि आत्मा के सत्य को जाने बिना प्रगति संभव नहीं है. शिक्षा के केंद्र में शिक्षित होने की बजाए दुकानों जैसा कार्य हो रहा है. लोकतंत्र की आत्मा पर गहराई से विचार करना पड़ेगा. पत्रकारिता की पूरी यात्रा सवालों की यात्रा है. संचार व संवाद को छोड़ विवाद की तरफ जाने से समस्यायें और विकराल हो जाती हैं. स्वयं का सुधार करने की परंपरा को बल देने की जरूरत है.
चमकता आईना के संपादक जय प्रकाश राय ने कहा कि मीडिया के सामने आज विश्वसनीयता का सबसे बड़ा संकट हैं। उसे बाहरी और आंतरिक दोनो स्तर पर इससे जूझना पड़ रहा है। न छपे , लेकिन गलत न छपे एक वो दौर था। एक आज का दौर है। पत्रकारिकता को कैसे बेहतर बनाएं , विश्वसनीयता को कैसे बरकरार रखा जा सके। इन बातों पर उन्होंने जोर दिया। उन्होंने कहा कि ु ब्रह्मामकुमारीज के कार्यक्रम में हमें विशेष अनभूति होती है।। उन्होंने कहा कि हम खुद के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। इस बात पर भी पत्रकारों को चिंतन करना होगा। उन्होंने सलाह देते हुए पत्रकारों से कहा कि सीधा और सरल लिखिए कोई परेशानी नहीं है। जहां भटकेंगे तो समस्या खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में व्यंग्य और विनोद खत्म हो गया है।
शान्ति का संदेशवाहक है भारत
दैनिक भास्कर के संपादक भवानंद झा ने कहा कि भारत शांति का दाता है। शान्ति के बिना विकास असंभव है. भारत की सोच हमेशा से ही शांतिप्रिय रही है. शिव परमात्मा के माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने संसार में शांति का संदेश दिया है. मीडिया ऐसा माध्यम है जो विश्व में शान्ति स्थापना के कार्य में सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है.

राजयोग का अभ्यास जरूरी
ब्रह्माकुमारी बीके अंजू दीदी ने कहा कि स्वयं के मन को परमात्म शक्तियों की ऊर्जा से भरपूर करने के बाद ही वैश्विक शांति व सद्भाव के बीज बोए जा सकते हैं. जिसके लिए अपनी दिनचर्या में कुछ समय राजयोग का अभ्यास करना चाहिए. सभी ने मिलकर एक साथ भोजन (प्रसाद) भी ग्रहण किया.

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