तेजश्वी ने दिया ओबैसी को झटका,AIMIM के चार विधयकों ने थामा राजद का दामन,राजद 80 विधायको के साथ बनी बिहार में नंबर वन पार्टी

पटना. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के पाचं में से चार विधायकों ने बुधवार दोपहर राजद का दामन थाम लिया इस तरह अब नंबर गेम में 243 विधानसभा सीट वाली बिहार विधानसभा में 80 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, वहीं 77 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर आ गई है. बता दे कि ‘एआइएमआइएम’ के टिकट पर 2020 विधानसभा चुनाव में ये चारों विधायक, अमौर से अख्तरुल इमान, बायसी से सैयद रुकनुद्दीन अहमद, कोचाधामन से मो. इजहार असफी, जोकीहाट से शाहनवाज आलम और बहादुरगंज से मो. अंजार नईमी ने जीत हासिल की थी.
तेजस्वी यादव खुद गाड़ी चलाकर चारों विधायकों शाहनवाज, इजहार, अंजार नाइयनी और सैयद रुकूंदीन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के चैंबर में ले गए। इसके बाद उन्होंने अपना समर्थन पत्र सौंप दिया। बता दें, अब AIMIM में सिर्फ उसके प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ही रह गए हैं।
हालांकि, इस टूट का असर नीतीश सरकार पर नहीं पड़ेगा। राज्य में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है। अभी NDA के पास 127 विधायक हैं। BJP (77 MLA) और JDU (45 MLA) को मिलकर ही 122 MLA हैं। जीतनराम मांझी की पार्टी HAM के 4 और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन है, अगर वह वापस भी ले लेते हैं तो भी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर संवाददाताओं से औपचारिक चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा के पास हिम्मत नहीं है कि वह बिहार में अकेली चुनाव लड़ सके. इसलिए तीसरे नंबर की पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री बनाया हुआ है. अब हम सत्ता से ज्यादा दूर नहीं हैं. हालांकि हमें सत्ता का लालच नहीं हैं. इस दौरान उन्होंने एआइएमआइएम से राजद में शामिल हुए चार विधायकों को सार्वजनिक किया. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता का लालच तो भाजपा और जदयू को हैं. एक दूसरे को अपमानित कर रहे हैं. इसके बाद भी सत्ता में साझीदार बने हुए हैं. दरअसल लालच की वजह से यह गठबंधन है.
धर्म निरपेक्षता को मजबूत करने राजद में आये हैं ये विधायक

पार्टी विधायकों की संख्या और बढ़ाने से जुड़े एक सवाल पर कहा कि भाजपा जैसी ताकत हमारे पास नहीं हैं. पार्टी में बुधवार को जो लोग जुड़े हैं. वह सभी अपनी मर्जी से धर्म निरपेक्षता को मजबूत करने राजद में आये हैं. यह उनका निडर फैसला है. सही मायने में इन सब का राजद में आना घर वापसी जैसा है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अब हम विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गये हैं. इससे पार्टी की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. भाजपा अब विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है.
बोले विधायक सेक्यूलर पार्टी को मजबूत करने े लिए ाए राजद के साथ

एआइएमआइएम के चारों विधायकों का कहना था कि बंगाल और यूपी का चुनाव के परिणाम को देखते हुए हमने फैसला लिया कि बिहार में जो सेक्यूलर पार्टी है उसकी हाथों को अब मजबूत करेंगे. इसलिए राजद का दामन हमलोगों ने थामा है.इससे राजद और मजबूत होगा और नया बिहार बनेगा. वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जैसा कि इन चारों विधायकों ने साफ तौर पर कहा कि देश के हालात को देखते हुए हमलोगों ने यह फैसला लिया है. इन सभी का राजद में स्वागत हैं. हम इनका अभिनंदन करते हैं. तेजस्वी ने कहा ओवैसी के चारों विधायक बिहार के सबसे पिछड़े इलाके से जीतकर आए हैं. हमलोग मिलकर बिहार की तरक्की के लिए काम करेंगे। हमलोग चाहते है कि देश और राज्य में अमन चैन रहे.
चार विधायकों के साथ आने के बाद राजद के पास विधायकों की संख्या 80 हो गई है। भाजपा के पास विधायकों की संख्या 77 है। अब तक यह डर था कि महाराष्ट्र वाली स्थिति बिहार में न हो जाए। भाजपा कोई नया खेल तो नहीं कर देगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल भी नीतीश सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे थे।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उनके बीच तनातनी वाले कई बायन आए थे। इस तनातनी के माहौल से सबसे ज्यादा डर जदयू को था। लेकिन अब नीतीश कुमार की पार्टी के ऊपर से यह डर खत्म हो गया है। इसी के साथ भाजपा की मजबूती घट गई है।
एनडीए के अंदर भाजपा ही बड़ी पार्टी
अब अगर सरकार गिरने की स्थिति होती है तो सबसे बड़ी पार्टी राजद को ही बहुमत सिद्ध करने के लिए राज्यपाल को आमंत्रित करना होगा। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के तीन विधायकों को अपनी तरफ लाकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी हो गई थी। इससे एनडीए अंदर जदयू पर दबाव पहले से बढ़ भी गया था। हालांकि, एनडीए के अंदर भाजपा अभी भी सबसे बड़ी पार्टी है।

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