शिवसेना के हाथों से फिसली महाराष्ट्र की सत्ता ं ‘दिल्ली भी गई दिन भर चला सियासी ड्रामा ,एनसीपी को राज्यपाल का बुलावा

मुंबई ,11 नवंबर (ईएमएस) : अंत समय में कांग्रेस की हरी झंडी नहीं मिलने से शिवसेना पसोपेश में दिख रही है. गवर्नर ने भी ज्यादा समय देने से इंकार कर दिया है. अब उसकी हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र तो हाथ से निकलता दिख ही रहा है, ‘दिल्लीÓ भी जा चुकी है. एनसीपी के कहने पर उसने एनडीए से अपना रिश्ता खत्म कर लिया है. लिहाजा उसके मंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा. इस तरह दिल्ली भी हाथ से जा चुकी है. इधर, एनसीपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की जिसके बाद पार्टी की ओर से कहा गया कि हमने राज्यपाल से कहा है कि अपने सहयोगी दल से बात कर सरकार गठन के बारे में कोई जवाब देंगे. एनसीपी नेता ने कहा कि राज्यपाल को हम मंगलवार रात 8.30 बजे तक अपना जवाब देंगे.इसके पहले शिवसेना वाले बुलाए गए थे सरकार बनाने की संभावनाओं पर बात करने के लिए लेकिन उसके पास कांग्रेस के समर्थन का पत्र नहीं था. ददो बैठकों के बाद कांग्रेस की ओर से यही कहा गया था कि वह अपने पार्टनर एनसीपी से बात करने के बाद ही कोई निर्णय ले पाएगी. इसलिए शिवसेना ने दो दिनों की मोहलत मांगी लेकिन राज्यपाल ने समय देने से इंकार कर दिया.
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि नतीजों के 18 दिन बाद भी अब तक सूबे में सरकार नहीं बन पाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से बात कर ही हम सरकार गठन को लेकर मंगलवार को कोई फैसला लेंगे. पार्टी नेता ने कहा कि इस बारे में सोनिया गांधी से भी चर्चा की जाएगी. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना राज्यपाल के सामने विधायकों का समर्थन पत्र देने में नाकाम रही हैं, वहीं बीजेपी तो पहले ही संख्याबल की वजह से सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है.
राज्यपाल ने बीजेपी-शिवसेना के बाद अब एनसीपी से पूछा है कि क्या उनकी पार्टी सरकार बनाने को तैयार है. सबसे पहले बड़ी पार्टी बीजेपी और फिर दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना को इस बारे में पूछा गया था लेकिन बीजेपी ने सरकार बनाने से साफ इनकार कर दिया. वहीं शिवसेना ने सरकार बनाने की इच्छा तो जताई लेकिन बाकी दलों का समर्थन पत्र वक्त पर नहीं दे सकी. इस कड़ी में राज्यपाल ने तीसरी बड़ी पार्टी एनसीपी से सरकार बनाने के लिए पूछा है जिसे 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है. पार्टी के नेता अजित पवार राज्यपाल ने मिलने निकल चुके हैं.
कांग्रेस अभी शिवसेना को समर्थन देने में वक्त लगा सकती है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मुंबई जाकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के अन्य नेताओं के बातचीत करेंगे, इसके बाद आगे कोई फैसला लिया जाएगा. आज करीब 3 घंटे तक चली कांग्रेस की बैठक में समर्थन पर कोई पुख्ता फैसला नहीं लिया जा सका है. एनसीपी भी बगैर कांग्रेस की सहमति के शिवसेना को समर्थन नहीं देगी क्योंकि सरकार बनाने के लिए शिवसेना को एनसीपी-कांग्रेस दोनों दलों का समर्थन जरूरी है.
शवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारा दावा अभी खारिज नहीं हुआ है और हम भी सरकार बनाना चाहते हैं. ठाकरे ने कहा कि अन्य दलों से हमारी बातचीत जारी है और उनका समर्थन पत्र हासिल करने में वक्त लग रहा है. अब गेंद राज्यपाल के पाले में हैं, वह आज रात को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं. वैसे राज्यपाल ने शिवसेना के दावे को खारिज भी नहीं किया है और शिवसेना जब समर्थन पत्र लेकर दावे पेश करने जाती है तो राज्यपाल उसे मौका दे सकते हैं.
महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने पर कांग्रेस ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है. सोनिया गांधी के साथ वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है और सोनिया गांधी फिर से एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत कर आगे कोई फैसला लेंगी.

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