भ्रष्टाचार पर सीएम योगी का एक्शन जारी, यूपी के मुख्य वन संरक्षक को पद से हटाया गया सात डीएसपी को जबरन किया रिटायर

लखनऊ. ,8 नवंबर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पूरे एक्शन मोड में है एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई किए जाने से हड़कंप मच गया है. गुरूवार को एक ओर भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले में सीएम योगी के निर्देश पर सूबे के 7 डीएसपी अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया. तो वहीं दूसरी ओर सोनभद्र में करीब 1 लाख हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कब्जा कराने के मामले में यूपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार को तत्काल प्रभाव से उनके पद से पद से हटा दिया गया है.
वन विभाग की करोड़ों की जमीन की हेराफेरी
ये कार्रवाई पूर्व अधिकारी एके जैन की उस शिकायत पर की गई है. जिसमें एके जैन ने सोनभद्र में वन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव सरन और सचिव पवन कुमार की मिलीभगत से वन विभाग की करीब 1 लाख हेक्टेयर जमीन पर कब्जा करा दिए जाने का आरोप लगाया था. जिसके बाद एके जैन का आगरा तबादला कर दिया गया था. जिसके कुछ दिनों बाद ही एक एक्सीडेंट में एके जैन की मौत हो गई थी इस एक्सिडेंट को भी संदिग्ध बताया जाता है.

सोनभद्र में वन विभाग की भूमि पर कब्जे के मामले की शिकायत सबसे पहले तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक (भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त) एके जैन ने 2014 में अखिलेश सरकार के दौरान की थी. पूर्व ढ्ढस्नस् अधिकारी एके जैन के भाई विवेक जैन बताते हैं कि एके जैन ने पूरे सोनभद्र क्षेत्र की जांच कर शासन को एक रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें उन्होने शासन को बताया था कि किस तरह से जंगल, खनन माफियाओं के साथ बाहुबली और प्रशासनिक मशीनरी ने मिलकर जंगल की जमीन को प्राइवेट लोगों के हाथों सौंप दिया है.
उन्होंने अपनी रिपार्ट में बताया था कि करीब 40 हजार करो? की कीमत वाली 1 लाख हेक्टेयर जमीन को प्रशासन की मिलीभगत से प्राइवेट लोगों के हाथों बेच दिया गया. उन्होंने अपने ही विभाग के कुछ अधिकारियो को संदेह के घेरे में लिया था और अपनी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में शामिल सफेदपोशों को सामने लाने के लिए इस मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की थी.

परिजनों के सवाल?
पूर्व ढ्ढस्नस् अधिकारी एके जैन के भाई विवेक जैन कहते हैं कि ‘अगर उन्होंने कोई रिपोर्ट भेजी थी और उस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी तो उस रिपोर्ट की गंभीरता को समझना चाहिए था. लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया और जब ये रिपोर्ट मीडिया में लीक हो गई तो उनका ही तबादला आगरा कर दिया गया. विवेक जैन कहते हैं उनको जान से मारने की लगातार धमकियां मिल रही थीं. जिसके बाद 11 जुलाई 2018 को एक रोड एक्सीडेंट में उनका निधन हो गया. वो आरोप लगाते हुए कहते हैं कि वो एक्सीड़ेंट भी एक साजिश था.

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