झारखंड की रणजी टीम ने रचा इतिहास, 85 साल बाद ‘खास जीत’ हासिल करने वाली पहली टीम

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय टीम (Indian Team) ने यह कमाल साल 2001 में किया था जब ऑस्ट्रेलिया (Australia) को फॉलोऑन खेलने के बाद मात दी

अगरतला. रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में झारखंड (Jharkhand) की टीम 85 साल में फालोऑन खेलने के बाद जीत दर्ज करने वाली पहली टीम बन गई है. त्रिपुरा (Tripura) के खिलाफ अगरतला (Agartala) में खेले गए मुकाबले में झारखंड (Jharkhand) 54 रन से जीत हासिल की. टीम की इस ऐतिहासिक जीत में कप्तान सौरभ तिवारी, इशान जग्गी की अहम भूमिका रही. वहीं गेंदबाजों में आशीष (Ashish) ने आखिरी दिन टीम की जीत तय की.

अगरतला (Agartala) में खेले गए मुकाबले में त्रिपुरा (Tripura)  की टीम ने पहली पारी में 289 रन बनाए. जवाब में झारखंड(Jharkhand)  की टीम पहली पारी में 136 रनों पर सिमट गई. त्रिपुरा के कप्तान मिलिंद कुमार (Milind Kumar) ने झारखंड (Jharkhand)  को फॉलोऑन देकर दोबारा बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि झारखंड (Jharkhand)  की टीम कोई बड़ा स्कोर खड़ा कर पाएगी.

दूसरी पारी में सौरभ तिवारी (Sourabh Tiwari) (122) व ईशांक जग्गी (107 नाबाद) के शतकीय पारी की बदौलत झारखंड (Jharkhand)  ने आठ विकेट पर 418 रन बनाए और फिर पारी घोषित कर दी. इसके बाद मेजबान त्रिपुरा (Tripura)   को जीत के लिए 266 रनों का लक्ष्य मिला जिससे हासिल करने के लिए उनके पास एक दिन से भी कम समय था.

इशांक जग्गी 107 रनों की पारी खेलकर रिटायर हर्ट हो गए थे

एक दिन में लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रही त्रिपुरा
इसी दबाव में त्रिपुरा की टीम की बल्लेबाजी बिखर गई और तेज गेंदबाज आशीष कुमार ने पांच बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा. अपना पहला रणजी मैच खेल रहे विवेकानंद तिवारी ने 60 रन देकर तीन विकेट चटकाए. अजय यादव को दो सफलताएं मिलीं. त्रिपुरा (Tripura)  की ओर से मुरा सिंह (Mura Singh) ने 145 गेंदों पर 12 चौके व एक छक्के की मदद से 103 रनों की पारी खेली लेकिन यह टीम की हार टालने के लिए काफी नहीं था. त्रिपुरा की टीम 211 रनों पर ढेर हो गई और झारखंड ने जीत हासिल की.

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