गंभीर बीमारी के कारण जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है स्वतंत्रता सेनानी देवेन्द्र नंदा की विधवा अदिति नंदा, हालत चिंताजनक

रामगोपाल जेना
चक्रधरपूर।
गंभीर बीमारी के कारण जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है स्वतंत्रता सेनानी देवेन्द्र नंदा की विधवा अदिति नंदा, हालत चिंताजनक
सरकारी लाभ और सम्मान से वंचित देवेन्द्र नंदा की विधवा अदिति नंदा को नहीं मिल रहा उचित ईलाज और पोषण
बिहार सरकार ने देवेन्द्र नंदा को स्वतंत्रता सेनानी माना, लेकिन झारखण्ड राज्य निर्माण होते ही मामला उलझ गया
स्वतंत्रता सेनानी देवेन्द्र नन्दा की विधवा अदिति नंदा की तबियत बेहद ख़राब है ख़राब है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. चक्रधरपुर पुरानी बस्ती निवासी 85 वर्षीय अदिति नंदा का ओडिशा के राउरकेला में ईलाज चल रहा है. अदिति नन्दा स्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहीं हैं. आर्थिक तंगी के कारण अदिति नंदा को ईलाज में भारी मुश्किल हो रही है. अदिति नंदा के पति देवेन्द्र नंदा को जीतेजी स्वतंत्रता सेनानी सम्मान और लाभ नहीं मिल पाया था. बिहार सरकार ने जिसे स्वतंत्रता सेनानी माना, झारखण्ड सरकार बनते ही मामला उलझ कर रह गया. देवेन्द्र नंदा की विधवा अदिति नन्दा ने बूढी उम्र में सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए लेकिन सब नाकाम,अब मरणासन्न पड़ी है स्वतंत्रता सेनानी की विधवा अदिति नंदा.

कौन थे देवेन्द्र नंदा …
नमक सत्याग्रह समेत कई स्वतंत्रता आन्दोलन में देवेन्द्र नंदा ने भाग लिया था. पुराना बस्ती निवासी बनमाली नंदा के पुत्र देवेन्द्र नंदा ने नमक सत्याग्रह से लेकर 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन तक स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका निभाई थी. नमक सत्याग्रह के दौरान उन्हें बंगाल के मिदनापुर में अंग्रेजों द्वारा 15 दिन के लिए डीटेन के नाम पर हिरासत में रखा गया था. उन्हें गिरफ्तार नहीं दिखाया गया. चक्रधरपुर के स्वतंत्रता सेनानी मंगल प्रसाद, गोपाल कुम्हार, स्वतंत्रता सेनानी संगठन के तत्कालीन सचिव शीलभद्र याजी, स्वतंत्रता आन्दोलनकारी विजय पानी जैसे कई आज़ादी के दीवानों ने देवेन्द्र नंदा की भूमिका की सराहना की है.

जीतेजी देवेन्द्र नंदा को नहीं मिला सम्मान …
पहली बार 1981 में पेंशन के लिए देवेन्द्र नंदा ने सरकार से गुहार लगायी थी, लेकिन पेंशन की आस में सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटते काटते 1996 में आर्थिक विपन्नता के कारण वे स्वर्ग सिधार गए. आज स्वर्गीय देवेन्द्र नंदा का परिवार बहुत गरीबी में जीवन काट रहा है. उनकी 85 वर्षीय विधवा अदिति नंदा बुढ़ापे के इस दौर में गंभीर बिमारियों से जूझ रही है. घर की आर्थिक स्थिति महंगाई के दौर में ढलान पर है.

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने की थी अदिति नंदा की आर्थिक मदद …
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता सेनानी देवेन्द्र नंदा की विधवा अदिति नंदा की आर्थिक मदद की थी. उन्होंने 50 हजार रुपये अदिति नंदा को भरण पोषण के लिए उपलब्ध कराया था. अदिति नंदा ने पति का हक़ पाने के लिए कई दफ्तरों का चक्कर लगाया, हर साक्ष्य उपलब्ध कराने की कोशिश की लेकिन ना तो राज्य सरकार ने अदिति को सम्मान देने में दिलचस्पी दिखाई और ना ही केंद्र सरकार ने इस स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को उसका हक़ दिला पायी. आज अदिति नंदा जिंदगी की जंग लड़ रही है.

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