जमशेदपुर, 15 मई (विशेष प्रतिनिधि): होटल अलकोर का मामला क्या सामने आया मानो ‘बासी कढ़ी में उफानÓ आ गया। जमशेदपुर का व्यापार जगत इस उफान से सिहरने लगा और शुरू हो गया एक नया खेल।
‘लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पायीÓ की तर्ज पर एक शरद पोद्दार एवं उसके गुर्गों ने कई स्वनामधन्य कारोबारियों एवं उद्यमियों को और उनके परिजनों को सालों साल तक याद रखे जाने वाले कलंक से अभिशप्त कर दिया। मौके का बेजा लाभ उठाने और ‘बासी कढ़ीÓ बेचने में माहिर कुछ कलाकार इन व्यवसायियों पर भारी पड़ गए और कभी जुआ अड्डा, कभी देह व्यापार, तो कभी जीएसटी तो कभी बिजली चोरी का तूफान दिखाकर दोहन का काम तेज कर दिया। कुछ लोगों के कारनामों ने जमशेदपुर के व्यापार एवं उद्योग जगत को भयादोहन के खौफ में डाल दिया, अन्यथा अल्कोर के मालिक और स्थापित जेएमटी जैसे उद्योग के पूर्व मालिक को शायद ही कोई भयादोहन का शिकार बना पाया हो।
आज पुलिस और जिला प्रशासन के समक्ष यह सवाल पैदा हो गया है कि उसके सामने पुराने-पुराने मामलों को आधा-अधूरा उधार कर जिस तरह से दोहन का धंधा चलाया जा रहा है, उससे उसकी ख्याति बढ़ रही है या बदनामी हो रही है। सरकार में इस तरह से नाना प्रकार से सरकारी राजस्व की लूट होती रही और सब अधिकारी गलबांही लगाकर मूकद्रष्टा बने रहे?
अल्कोर मामले के एक अभियुक्त राजेश उर्फ लड्डू मंगोतिया के अनुज राजकुमार मंगोतिया ने कोल्हान डीआईजी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर संपूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
राजकुमार मंगोतिया ने इस संबंध में सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (जमशेदपुर), राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के महामंत्री विकास गर्ग, बिल्डर्स एसोसियेशन जमशेदपुर तथा जमशेदपुर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री आदि को पत्र लिखकर कहा है कि उपर्युक्त होटल प्रकरण में पुलिस ने दो अलग-अलग घटनाओं वाले मामले दर्ज किए लेकिन इन दो भिन्न घटनाओं में अलग-अलग नामजद अभियुक्तों पर एक ही प्रकार की कतिपय धाराओं के तहत आटे की तरह गंूथ दिया।
श्री मंगोतिया का कहना है कि उनके भाई राजू मंगोतिया उर्फ लड्डू मंगोतिया लाकडाउन उल्लंघन के मामले में 25 अप्रैल को पहले दिन आरोपित किए गए जिनके साथ दो अन्य व्यक्ति दीपक अग्रवाल एवं रजत जग्गी को गिरफ्तार किया गया। चूंकि यह मामला जमानती था, अतएव उन्हें देर रात जमानत देकर रिहा कर दिया गया। यह पहला मामला शुद्ध रूप से लाकडाउन उल्लंघन का दर्ज किया गया जब ये लोग होटल की लॉबी में पाए गए। पुन: अगले दिन 26 अप्रैल को होटल अल्कोर में पुलिस का छापा पड़ा. जहां एक कमरे से युवती मिली और तब उससे संबद्ध आई टी (पी) एक्ट 1956 की धारा 3, 4, 5 एवं 6 के तहत दूसरी प्राथमिकी दर्ज कर उक्त युवती एवं अन्य शरद पोद्दार, राहुल अग्रवाल, राजकुमार भालोटिया, होटल मालिक राजीव दुग्गल एवं होटल प्रबंधक धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया।
राजकुमार मंगोतिया का कहना है कि किसी उदृश्य शक्ति के दबाव में उनके भाई को दूसरे मामले में भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया जबकि पहले दिन के लाकडाउन उल्लंघन के मामले में उन्हें जमानत पर रिहा किया जा चुका था। राजकुमार का दावा है कि दोनों मामले अलग-अलग अपराधों से जुड़े हैं किंतु सबको आई टी (पी) एक्ट के साथ जोड़कर एक ही छड़ी से हांक दिया गया।
श्री मंगोतिया ने व्यवसायियों-उद्यमियों की संस्था चैम्बर एवं बिल्डर्स एसोसिएशन को व्यवसायी हित में अपने स्तर से पहल करने तथा उच्च पुलिस पदाधिकारियों से न्यायपूर्ण विवेचना कराकर अपने भाई राजेश उर्फ लड्डू मंगोतिया को राहत देने और चरित्रहनन से बचाने का अनुरोध किया है।
राजकुमार मंगोतिया ने अपने पत्रों में ‘अदृश्य शक्तिÓ का जिक्र करते हुए एक विजुअल मीडिया हाउस के कारनामों और भयादोहन के लिए किये गए कार्यों वाले टेलिफोन कॉल और वीडियो क्लिप का हवाला देते हुए कहा है कि वह ‘बांसी कढ़ी में उफानÓ पैदा कर कारोबारियों और अधिकारियों का भयादोहन करता है।