हरियाणा, महाराष्ट्र, उपचुनाव: भाजपा को झटका, कहीं जोर से कहीं कम

नई दिल्ली :- महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तस्वीर अब साफ हो गई है। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन फिर से सत्ता पर काबिज हो गया रहा है जबकि हरियाणा में बीजेपी, कांग्रेस में से किसी को भी बहुमत मिलने के आसार नहीं हैं। अब तक के नतीजों को देखें तो एक बात स्पष्ट है कि मई में लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद से हुए पहले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत की चमक कुछ मंद होती दिख रही है। बीजेपी के कई दिग्गज उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं। हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। उम्मीद और ताबड़तोड़ प्रचार के बाद भी दोनों राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन दमदार नहीं रहा। इन चुनावों में 370, बालाकोट, पाकिस्तान जैसे मुद्दे हावी रहे लेकिन नतीजों से साफ है कि जनता ने स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में ली थी पर बीजेपी का जादू पहले जैसा नहीं चल सका।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों को देखें तो महाराष्ट्र की 288 सीटों में भाजपा शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल गया है।
वहीं, हरियाणा में बराबरी की टक्कर अब स्पष्टता की ओर बढ़ रही है। बीजेपी को 40 एवं कांग्रेस को 31 सीटें मिली है। ंदुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने 10 सीटें जीतकर सभी को चौंका दिया है। दिल्ली के बाद हरियाणा में पैठ जमाने की कोशिश करने वाली आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। यहां पार्टी का खाता भी नहीं खुला।

उपचुनाव में क्या हुआ
वहीं, यूपी विधानसभा के उपचुनावों में बीजेपी-अपना दल गठबंधन को 2 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। बीजेपी गठबंधन के पास 9 सीटें थीं। चर्चित रामपुर सीट से आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा की जीत तय मानी जा रही है। गुजरात में 6 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में बराबरी की टक्कर दिख रही है। दोनों पार्टियों के 1-1 उम्मीदवार जीत चुके हैं और 2-2 आगे चल रहे हैं।

महाराष्ट्र में एनसीपी का शानदार प्रदर्शन, बीजेपी के कई मंत्री हारे
महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने में कोई अड़चन नहीं दिख रही है। हालांकि बीजेपी को यहां झटका भी लगा है। फडणवीस सरकार के 5 मंत्री
पंकजा मुंडे , राम शिंदे, विजय शिवतारे, बाला भेगडे, अर्जुन खोतकर चुनाव हार गए हैं। उधर, शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे वर्ली से चुनाव जीत गए हैं।

महाराष्ट्र में एक और नाम इन चुनावों में चर्चा में है। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चीफ शरद पवार का। मराठा टाइगर कहे जाने वाले 79 वर्षीय पवार ने अपने दम पर पार्टी को मोदी, शाह और फडणवीस के खिलाफ पार्टी में नई जान फूंकी है। उनकी पार्टी 55 सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है। हालात यह थे कि सहयोगी पार्टी कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ने भी महाराष्ट्र के प्रचार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। इधर, अपनी ही पार्टी के नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों के छापे और परिवार की अंदरुनी लड़ाई भी पवार के लिए सिरदर्द थी। इसके बावजूद शरद पवार अकेले ही डटे रहे।

यहां पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 122, कांग्रेस को 42, एनसीपी को 41 और शिवसेना 63 को सीटें मिली थीं।

हरियाणा में कांग्रेस का दमदार प्रदर्शन, जजपा किंगमेकर
उधर, हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशने में जुट गया है। बताया जा रहा है कि बहुमत न मिलने की स्थिति में बीजेपी ने गठबंधन के अपने प्लान-क्च पर काम करना शुरू कर दिया है। जेजेपी के साथ-साथ अन्य दलों से भी गठजोड़ करने को लेकर मंथन शुरू हो गया है। खबर हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दिल्ली बुलाया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूपिंदर सिंह हुड्डा को अपने स्तर पर फैसला लेने की छूट दे दी है। दरअसल, बीजेपी के दमदार प्रचार और प्रचारकों के सामने कांग्रेस को निराशा के भंवर से बाहर निकालने में हुड्डा ने खुद को साबित किया है।

हरियाणा में नई बनी जननायक जनता पार्टी ने कमाल का प्रदर्शन किया है। सालभर पहले अस्तित्व में आई पार्टी ने जाट वोटों के दम पर 5 सीटें जीत ली है और उसके उम्मीदवार 5 पर आगे चल रहे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस के बहुमत से दूर रहने की स्थिति में दुष्यंत चौटाला की इस पार्टी की भूमिका किंगमेकर की हो सकती है।

आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी को 47, रालोद को 19 और कांग्रेस 15 पर सिमट गई थी।

अपनी सीट नहीं बचा पाए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
हरियाणा में टिकटॉक स्टार और बीजेपी उम्मीदवार सोनाली फोगाट चुनाव हार गई हैं। कांग्रेस उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला की सीट भी फंसी हुई है। वहां फिर से मतगणना हो रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु, योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट चुनाव हार गए हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने बीजेपी के खिलाफ गठबंधन सरकार बनाने के संकेत दिया है। उन्होंने रोहतक में कहा, ‘यह जनादेश बीजेपी के खिलाफ है। बीजेपी को दूर रखने के लिए जेजेपी, ढ्ढहृरुष्ठ, निर्दलीय सहित अन्य को कांग्रेस से हाथ मिलाना चाहिए।

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