दिव्यांगता कभी किसी पुरुष या महिला के विकास में बाधक नहीं : निःशक्तता आयुक्त

दिव्यांग जनों को प्रमाण पत्र एवं पेंशन उपलब्ध कराने का कार्य मंत्री निर्देशन में किया जाएगा :डीसी
रामगोपाल जेना
चक्रधरपूर।
जिले के गोइलकेरा प्रखंड परिसर में आयोजित चलंत न्यायालय -सह- जागरूकता शिविर में उपस्थित दिव्यांग जनों को संबोधित करते हुए राज्य निःशक्तता आयुक्त श्री सतीश चंद्र ने कहा कि दिव्यांगना कभी किसी पुरुष या महिला के विकास में बाधक नहीं रहा है,हम सभी लोग जब इतिहास का अध्ययन करेंगे तो हम देखेंगे हमारे बहुत से दिव्यांग भाई/बहन साहित्य, प्रशासन, विज्ञान, चिकित्सा, पत्रकारिता,राजनीति आदि क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।उनके द्वारा कहा गया विभागीय मंत्री श्रीमती मांझी के द्वारा पदभार ग्रहण करने के उपरांत ऐसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार चलंत न्यायालय का आयोजन किया जा रहा है इसके लिए मंत्री महोदया को धन्यवाद देता हूं।निःशक्तता आयुक्त के द्वारा शिविर आयोजन में लगे सभी लोगों को सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया गया।
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*तय समय के अंदर प्राप्त आवेदनों के निष्पादन में जिला प्रशासन लोगों की उम्मीदों पर खड़ा उतरेगा*
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में जिला उपायुक्त के द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती जोबा मांझी एवं राज्य निःशक्तता आयुक्त श्री सतीश चंद्र का पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूरवर्ती प्रखंड परिसर में आयोजित चलंत न्यायालय में शामिल होने हेतु धन्यवाद दिया गया।उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि पूर्व में हड्डी रोग विशेषज्ञ के उपलब्ध नहीं रहने के कारण जिला प्रशासन के द्वारा लगातार ऐसे शिविरों का आयोजन नहीं किया जा रहा था, लेकिन वर्तमान में हड्डी रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से जिले के सभी प्रखंडों में शिविर आयोजित कर दिव्यांग जनों को पत्र एवं पेंशन देने का कार्य किया जाएगा। उपायुक्त के द्वारा विभागीय मंत्री एवं निःशक्तता आयुक्त को यह आश्वासन दिया गया कि आयोजित शिविरों में प्राप्त होने वाले आवेदनों के तय समय में निष्पादन हेतु जिला प्रशासन लोगों की उम्मीदों पर खड़ा उतरेगा।

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