टीडब्ल्यूयू शताब्दी समारोह आज टाटा ग्रुप व टाटा स्टील वैश्विक ब्रांड बना: चेयरमैन कर्मचारियों व यूनियन के योगदान के कारण मिल रही सफलता

जमशेदपुर, 31 अक्टूबर(रिपोर्टर): टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कर्मचारियों को सफलता के पांच मूल मंत्र दिए. चेयरमैन ने पर्यावरण स्थित, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, स्कील डेवलपमेंट, इको सिस्टम व जियो पॉलिटिक्स को सफलता का मूल मंत्र बताया. उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप व टाटा स्टील वैश्विक ब्रांड बन चुका है. कंपनी लगातार नई उत्पाद व सेवाएं लेकर आ रही है. इस मौके पर टाटा वर्कर्स यूनियन ने चेयरमैन को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया.
गुरुवार को माइकल जॉन ऑडिटोरियम में टाटा वर्कर्स यूनियन का शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, टाटा स्टील के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन, इंटक के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र सिंह, टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसीडेंट अरविन्द, महामंत्री सतीश सिंह समेेत अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस मौके पर चेयरमैन ने कहा कि टाटा ग्रुप व टाटा स्टील अब वैश्विक ब्रांड बन चुका है. कंपनी लगातार नए उत्पाद व नई सेवाएं लेकर आ रही है जिसमें ्रगु्रप के सभी कर्मचारियों, खास कर टाटा वर्कर्स यूनियन का विशेष योगदान है. कर्मचारियों के मेहनत व टाटा वर्कर्स यूनियन के योगदान के कारण आज टाटा ग्रुप व टाटा स्टील तरक्की कर रही है.
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चेयरमैन ने दिए सफलता के पांच मूल मंच
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सफलता के पांच मूल मंत्र बताए जिनमें पर्यावरण स्थिरता, इंटेलीजेंस आर्टिफिशियल, स्कील डेवलपमेंट, इको सिस्टम, जियो पोलिटक्स है.
ये हैं पांच मूल मंच
पर्यावरण स्थिरता: टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि एक-दो दशक पहले पर्यावरण स्थिरता पर कोई ध्यान नहीं देता था, लेकिन आज पर्यावरण स्थितर पर सबसे अधिक फोकस किया जाता है. उन्होंने कहा कि चाहे पानी हो या हवा, हमें भविष्य के लिए बेहतर पर्यावरण छोड़ कर जाना होगा क्योंकि संसाधन लगातार कम हो रहे हैं इसलिए हमें संरक्षण की दिशा में भी पहल करना होगा. उन्होंने कहा कि टाटा समूह पहले से ही पर्यावरण के प्रति सजग है. हमारा उद्देश्य केवल मुनाफा कमाना नहीं है, हम पहले से ही पर्यावरण स्थिरता पर ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने कर्बन उत्सर्जन कम करने पर जोर दिया.
इंटेलिजेंस आर्टिफिशियल: देश के सभी उद्योग में आटिफियिदेश के सभी सभी उद्योगों में इंटेलिजेंस आर्टिफिशियल बढ़ता जा रहा है और यह भविष्य में और आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि मशीनरी कम होने से नौकरियां कम हो जाएंगे.
स्कील डेवलपमेंट: एक-दो दशक पूर्व किसी कंपनी में जो दक्षता चाहिए थी. आज समय बदल गया है. हमें 21वीं सदी की सोच के आधार पर दक्ष कर्मचारियों की जरूरत है. प्रबंधन को चाहिए कि युवाओं को समय से निपट सकते हैं।
नया इको सिस्नया इको सिस्टम विकसित करना: चेयरमैन का कहना है कि 21वी सदी में हमें नया इको सिस्टम विकसित करना चाहिए. वर्तमान में एक वाहन निर्माता कंपनी कार बनाती है. उन्होंने कहा कि नए इको सिस्टम के तहत हमें नया चेन विकसित करना चाहिए जिससे मैन्यफैक्चर सीधा उताकि मैन्युफैक्चर सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंच सके.
जियो पॉलिटिक्स पर रखें: चेयरमैन ने कहा कि किसी भी कंपनी की सफलता के लिए उन्हें सचेत रहना चाहिए कि वैश्विक परिवेश में किस तरह का बदलाव आ रहा है. बाजार में किस चीज की मांग घटेगी. बाजाार की मांग के अनुसार उत्पादन करने बाजार में किस चीजों की मांग घटने और किसकी बढऩे वाली है.

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