लिमिटेड प्रबंधन ने बगैर बोनस समझौता के एकतरफा निर्णय लेते हुए वित्तीय वर्ष (2018-19) में कर्मचारियों को 19 फीसद बोनस देने का एलान किया है। इसे लेकर गुरुवार कंपनी के महाप्रबंधक गौरीशंकर राय ने एक सर्कुलर जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों व उनके बच्चों को लेकर सदैव सोंचती रहती है। कर्मचारियों के बच्चों को अच्छे स्कूलों में नामांकन कराने से लेकर उनके बेहतर भविष्य को लेकर कंपनी काम करती है। इसी क्रम में दुर्गापूजा से पहले कर्मचारियों के हित में बोनस की घोषणा की गई है। वित्तीय वर्ष (2018-19) में कर्मचारियों को 19 फीसद बोनस मिलेगा, जो सितंबर के वेतन के साथ उनके बैंक खाते में भेज दी जाएगी। महाप्रबंधक गौरीशंकर राय ने दुर्गापूजा की बधाई देते हुए सभी कर्मियों की खुशहाली की कामना की है।
————
अधिकतम 89 हजार, न्यूनतम 59,300 रुपये मिलेंगे
टिमकेन कर्मियों को 19 फीसद बोनस के हिसाब से उन्हें न्यूनतम 59,300 व अधिकतम 89,000 रुपए मिलेंगे। इससे कंपनी के करीब 238 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। बीते साल कंपनी में 14 फीसद बोनस हुआ था। टिमकेन वर्कर्स यूनियन के मुताबिक अध्यक्ष आस्तिक महतो व महामंत्री गिरवर धारी के साथ प्रबंधन की लगातार दो घंटे वार्ता चली। यूनियन बीस फीसद बोनस की मांग पड़ अड़ी थी लेकिन आपसी विवाद की वजह से एक फीसद कम बोनस हुआ। 2018-19 में कंपनी को 224 करोड़ का मुनाफा हुआ है। यूनियन के विपक्षी नेता विजय यादव पर एक फीसद कम बोनस होने का ठीकरा फोड़ा गया है। यूनियन नेताओं ने कहा है कि विजय की वजह से यूनियन का विवाद हाईकोर्ट में है। इसी वजह से यूनियन के साथ प्रबंधन ने समझौता नहीं किया है।
————–
कोट
‘प्रबंधन व यूनियन के संयुक्त प्रयास से कर्मचारी हित में बेहतर बोनस हुआ है। कंपनी को अच्छा मुनाफा हुआ था, इस बोनस से कर्मचारियों को नई ऊर्जा मिलेगी। यूनियन समय रहते बेहतर स समझौते कराने को लेकर प्रयासरत थी। बोनस की राशि का इस्तेमाल बेहतर भविष्य के लिए किया जाना चाहिए।
एलपी ङ्क्षसह, डिप्टी प्रेसीडेंट टिमकेन वर्कर्स यूनियन (951)
———
’19 फीसद बोनस का श्रेय कर्मचारियों को जाता है। इसमें गिरवरधारी गुट की कहीं भूमिका नहीं है। विजय एंड टीम टिमकेन कर्मियों के बैंक खाते में जाएगी। 19 फीसद उनकी टीम ने 150 कर्मचारियों की हस्ताक्षरित पत्र लिखकर 20 फीसद बोनस की मांग प्रबंधन से की थी। बगैर यूनियन की सहमति 19 फीसद बोनस देना प्रबंधन की सराहनीय कदम है।
विजय यादव, पूर्व महामंत्री