झारखंड: रघुवर सरकार के समय 26 हजार युवाओं को नौकरी देने में हुआ भ्रष्टाचार- सरयू राय

पूर्व की बीजेपी सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि 26 हजार युवाओं की जिस भर्ती को सरकार ने बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया उसमें करप्शन हुआ है

रांची: पूर्व खाद्य और आपूर्ति मंत्री और वर्तमान में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने एकबार फिर रघुवर दास के नेतृत्व में पूर्व की बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में बीजेपी सरकार के समय हुई 26 हजार युवाओं की नियुक्ति में भ्रष्टाचार हुआ है. सरयू राय ने इस मामले में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.

सरयू राय ने जिन 26 हजार युवाओं को नौकरी देने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है उसे पूर्ववर्ती सरकार ने रोजगार देने के वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर पेश किया था. दरअसल, साल 2018 में झारखंड में युवा दिवस के मौके पर तत्कालीन रघुवर सरकार ने 26 हजार और साल 2019 में एक लाख युवाओं को नौकरी देने का दावा किया था, इस रिकॉर्ड को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज किया गया था लेकिन अब निर्दलीय विधायक सरयू राय आरोप लगा रहे हैं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
सरकार में रहते हुए भी उठाई थी आवाज- सरयू राय

यही नहीं सरयू राय के मुताबिक उन्होंने सरकार में रहते हुए भी इसे लेकर कई बार आवाज उठाई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि इसलिए अब वह हेमंत सरकार से मांग कर रहे हैं कि कौशल विकास और रोजगार के नामपर पिछले 5 सालों में किये गए सभी काम की जांच हो.

लिम्का बुक में दर्ज हुआ था रिकॉर्ड

गौरतलब है कि 12 जनवरी साल 2018 को एक मंच से 26 हजार युवाओं को एकसाथ नौकरी देने पर इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था जिसके बाद सरकार की खूब वाहवाही भी हुई थी. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक मात्र 4000 युवाओं ने ही नौकरी जॉइन की थी. निर्दलीय विधायक सरयू राय ने ये भी कहा है कि नौकरी पाने वाले सभी युवाओं के नंबर और एड्रेस उनके पास हैं.

बता दें कि सरयू राय ने सरकार में रहते हुए भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी. इसी दौरान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिसके बाद वह बगावती तेवर अपनाते हुए पार्टी नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ उनकी सीट जमशेदपुर पूर्व से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े और रघुवर दास को चुनाव में मात दी.

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