एसडीओ, जिला खनन पदाधिकारी, थानेदार को ग्रामीणों ने बनाया बंधक निरसा में बालू घाट पर नीलामी पड़ा महंगा, आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा जब पैसे लेते हो तो फिर क्यों की छापामारी

धनबाद 23अक्टूबर संवाददाता :- निरसा थाना क्षेत्र के मोराडीह गांव में बुधवार की शाम अवैध रूप से भारी मात्रा में रखा बालू स्टॉक का छापेमारी करना धनबाद जिला प्रशासन को महंगा पड़ गया. आक्रोशित महिला पुरुष ग्रामीण शाम 3 बजे से लेकर रात करीब 8 बजे तक एसडीओ राज महेश्वरम, जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक, पिंटू कुमार सिंह, पूर्वी टुंडी ओपी प्रभारी कमलनाथ मुंडा को बंधक बनाकर रख लिया. शाम 6 बजे विधायक अरूप चटर्जी गांव पहुंचे. काफी मशक्कत करने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया. घटना की सूचना पाकर पूरा धनबाद जिला से भारी संख्या में पुलिस बल के अलावे निरसा एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा, थाना प्रभारी उमेश प्रसाद सिंह सहित पूर्वी टुंडी, गोविंदपुर सहित निरसा अंचल के अन्य थाना एवं ओपी के पुलिस बल मौके पर पहुंची. आक्रोशित महिलाएं किसी की एक सुनने को तैयार नहीं थे. उनका सीधा आरोप था कि पुलिस प्रशासन से लेकर विभागीय अधिकारी जब बालू उठाओ से लेकर उसे स्टॉक में रखने तक का पैसा लेते हैं तो फिर छापेमारी कर प्राथमिकी दर्ज क्यों की जाती है. इसके अलावे ग्रामीण महिला पुरुष गांव में रखा बालू स्टॉक का फोटो लेने, मना करने पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगा रहें थे. विधायक अरूप चटर्जी ने इस संबंध में उपायुक्त अमीत कुमार एवं एसएसपी किशोर कौशल के साथ वार्ता की. एसएसपी द्वारा पूर्वी टुंडी ओपी प्रभारी पर जांच कर कार्रवाई करने एवं उपायुक्त द्वारा पूरे मामले का जांच पड़ताल तीन दिनों के अंदर करने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद मामला शांत हुआ. आक्रोशित ग्रामीण तीन वाहनों से पहुंचे अधिकारियों को उन्हीं के वाहन में बंद कर रख दिया था. किसी भी स्थिति में गाडिय़ों को गांव से बाहर जाने नहीं दी जा रही थी. महिला-पुरुष गा?ियों के सामने बैठ जा रहे थें.
–क्या है मामला.
इस संबंध में बताया जाता है कि बुधवार की शाम करीब है 3-4 बजे के बीच एसडीओ राज महेश्वरम जिला खनन विभाग पदाधिकारी निशांत अभिषेक, पिंटू कुमार सिंह, पूर्वी टुंडी ओपी प्रभारी कमलनाथ मुंडा सहित अन्य तीन चार पहिया वाहनों पर सवार होकर मोराडीह गांव पहुंचे. गांव में करीब एक दर्जन से अधिक स्थानों पर हजारों सीएफटी बालू जमा कर रखा गया था. इसी गांव से सटा बराकर नदी भी है. जहां से गांव के लोग बालू उठाव करके गांव के बाहर एवं एवम परती जमीन पर जमा कर रखते हैं. इसके बाद उसे ट्रक, हाइवा, 407, ट्रैक्टर इत्यादि से अन्यत्र भेजने का काम किया जाता है. आज जैसे ही विभागीय अधिकारी गांव पहुंचकर छापेमारी अभियान प्रारंभ किया गांव में अफरा-तफरी मच गई. अधिकारी मोबाइल से बेहद मात्रा में रखा बालू व गांव में खड़े वाहनों का फोटो ले रहे थे. तभी पूरे गांव के अधिकांश महिलाएं मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को फोटो लेने से मना किया. महिलाओं का आरोप था कि फोटो लेने से मना करने के बाद अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार एवं अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया. इसी बीच माहौल काफी आक्रोशित हो उठा. करीब 500 से 1000 की संख्या में गांव के ग्रामीण मौके पर पहुंचकर हो हंगामा करने लगे. अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई गई. भारी संख्या में भीड़ को देखते हुए एसडीएम श्री महेश्वरम के अलावा अन्य गांव से निकलना चाह रहे थे. अधिकारी अपने-अपने वाहनों पर बैठकर गांव से बाहर निकल ही रहे थे. तभी रास्ते में महिलाओं एवं पुरुषों ने अधिकारियों के वाहनों को रोक दिया. जबरन उन्हें गाड़ी पर ही बैठा कर रख दिया गया. इसकी सूचना निरसा सहित धनबाद पुलिस को दी गई. काफी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण करना चाहा. लेकिन ग्रामीण किसी की भी सुनने को तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि बालू माफियाओं का संगठित गिरोह के सदस्य उन्हें गिरिडीह के पूर्वी टुंडी का चालान देते हैं. इसके एवज में पैसा लिया जाता है. साथ ही साथ गोविंदपुर जाने के दौरान पांडुआ बैज?ा में ग्राम रक्षा संगठन नामक एक संगठन द्वारा पति वाहन 200 रुपया, पूर्वी टुंडी पुलिस, पुलिस के कतिपय चिन्हित दलाल द्वारा भी प्रति वाहन पैसा ली जाती है. इसके बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर ग्रामीणों को व्यवस्था परेशान करने का काम करती है. आज जब टीम छापेमारी करने पहुंची तो उस समय भी दलाल तत्व के लोग भी अधिकारियों के वाहनों में सवार होकर पहुंचे थे. हालांकि ग्रामीणों को आते देख वे सभी भाग खड़े हुए.

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