नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव एवं रोकथाम हेतु पूरे देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन के कारण गुमला जिले में दूसरे राज्य से आने वाले व्यक्ति, अप्रवासी, मजदूर यहँ फंसे हुए हैं तथा अपने गणतव्य स्थान तक पहुंचने में असमर्थ हैं। ऐसे व्यक्तियों के लिए रहने, खाने एवं उनके गणतव्य स्थान पर पहुंचाने के उद्देशय से उपायुक्त गुमला शशि रंजन ने ऐसे व्यक्तियों को उनके गणतव्य स्थान तक पहुंचाने की देखरेख के लिए एक टीम गठित की है। इस टीम में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों का दायित्व टीम के अन्य सदस्यों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ऐसे व्यक्तियों के रहने, खाने पीने की व्यवस्था सुदृढ़ करते हुए इस समस्या का समाधान करना है।
इस टीम में गुमला, चैनपुर एवं बसिया के अनुमंडल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। इनके अलावा टीम के सदस्य के रूप में कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद, जिला पंचायत राज पदाधिकारी एवं श्रम अधीक्षक विशेष रूप से शामिल हैं।
उपायुक्त ने शहर में फंसे व्यक्तियों एवं अप्रवासी मजदूरों को खड़ियापाड़ा स्थित आश्रयगृह में रहने की व्यवस्था की जिम्मेवारी कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद को सौंपी है। जो ऐसे व्यक्तियों के रहने की व्यवस्था को सृदृढ़ करेंगे।
जमशेदपुर पुलिस ने सामुदायिक किचन का शुरुआत किया जमशेदपुर@ कोविड-19 यानी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर के तमाम शहरों को इन दिनों लॉक डाउन किया गया है। लॉक डाउन के पांचवे दिनमुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्वी सिंहभूम ज़िले के एसएसपी अनूप बिरथरे, सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट, ग्रामीण SP पीयूष पांडेय की अगुवाई में थानेदारों एवं स्थानीय समाजसेवी के सहयोग से सामुदायिक रसोई की शुरुआत की गई जहां उन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है जिनके पास भोजन का कोई व्यवस्था नहीं है। साथ ही उन लोगों को भी भोजन कराया जा रहा है जो बड़े वाहनों के ड्राइवर एवं खलासी हैं NH पर होटल एवं ढाबे बंद होने की वजह से भोजन नहीं मिल पा रहा है।उनके लिए भी भोजन की व्यवस्था कराई गई है।एसएसपी सिटी एवं ग्रामीण एसपी डीएसपी एवं थानेदार ने स्वयं लोगों को परोस कर भोजन कराया।