टीम इंडिया के बेस्ट होने के 5 कारण:गांगुली बोले- घरेलू क्रिकेट और IPL से टीम को मजबूती मिली, NCA और द्रविड़ की वजह से प्लेयर्स के परफॉर्मेंस में सुधार हुआ

मुंबई भारतीय क्रिकेट टीम हालिया समय की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया में कप्तान कोहली के बिना टेस्ट सीरीज में मिली जीत इसका बड़ा उदाहरण है। वर्ल्ड चैंपियन इंग्लैंड को भारत दौरे पर तीनों फॉर्मेट में हार मिली। BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के अनुसार पांच कारणों से टीम लगातार अच्छा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘घरेलू क्रिकेट, नेशनल क्रिकेट अकेडमी (NCA) और कोच की वजह से सिस्टम मजबूत है।
गांगुली ने कहा कि IPL भी टीम इंडिया की मजबूती का कारण है। टीम सिलेक्शन में पारदर्शिता है। बेस्ट खिलाड़ी ही चुने जाते हैं। 4 दिन के मैच और टी-20 अलग होते हैं। IPL आत्मविश्वास देता है कि आप किसी भी स्तर पर खेल सकते हैं।’ टीम अगले महीने इंग्लैंड दौरे पर जाएगी। जहां टीम को न्यूजीलैंड से टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है। भारत ने 2007 में आखिरी बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी।

टीम के चयन में रखते हैं पारदर्शिता, हर आयु वर्ग की टीम के लिए विश्व-स्तरीय कोच की नियुक्ति

1. घरेलू क्रिकेट: खिलाड़ी फर्स्ट क्लास और लिमिटेड ओवर मिलाकर करीब 30 मैच खेलता है। रणजी ने भारतीय टीम को मयंक, सिराज, शार्दुल जैसे खिलाड़ी दिए हैं। पुजारा, राहुल और रहाणे घरेलू मैच भी खेलते हैं, जिससे बेहतर प्रतिस्पर्धा मिलती है।

2. NCA: बेंगलुरू स्थित NCA और MRF पेस एकेडमी मिलकर काम कर रही है। इससे सैनी, सिराज, खलील जैसे तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही है। द्रविड़ इसके प्रमुख हैं। टीम के सभी युवा खिलाड़ी अपने प्रदर्शन का श्रेय द्रविड़ को देते हैं।

3. वर्ल्ड क्लास कोच: हर ऐज-ग्रुप की टीम के लिए बोर्ड ने विश्व-स्तरीय कोच रखे हैं। द्रविड़ कुछ समय पहले तक अंडर-19 और इंडिया ए के कोच थे। स्टेट लेवल पर भी इंटरनेशनल कोच हैं जैसे केरल के कोच ऑस्ट्रेलिया के डेव व्हाटमोर हैं।

4. IPL: IPL फ्रेंचाइजी स्काउट के जरिए घरेलू और नए-नए खिलाड़ियों को लाती हैं। युवा खिलाड़ियों को दिग्गज खिलाड़ियों के साथ लंबा समय बिताने को मिलता है। सैमसन, हार्दिक, क्रुणाल, बुमराह, सूर्यकुमार व ईशान आईपीएल की खोज हैं।

5. टीम सिलेक्शन: भारत के पास बहुत बड़ा टैलेंट पूल है। एक समय में दो द्विपक्षीय सीरीज इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। टीम के पास हर जगह के लिए 3-4 दावेदार हैं। 24 खिलाड़ी इंग्लैंड दौरे पर जा रहे हैं। इसके बावजूद श्रीलंका दौरे के लिए कई बड़े दावेदार हैं।

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