झारखंड में पहली बार तुलसी भवन में आयोजित हुआ सर्वभाषा साहित्यकार सम्मान समारोह

19 जिलों के 18 भाषाओं के साहित्य साधकों को मिला साहित्य भूषण सम्मान

जमशेदपुर। रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद, झारखंड इकाई एवं सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संयुक्त तत्वावधान में तुलसी भवन के मानस सभागार में एक दिवसीय ‘सर्वभाषा साहित्यकार सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष श्री सुभाष चन्द्र मुनका एवं संचालन प्रदेश महामंत्री डाॅ० विजय प्रकाश ने की, जबकि स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी ने दी। इस अवसर पर प्रसेनजित तिवारी ने भारतरत्न डॉ भीमराव आंबेडकर के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला, उन्हें भारत माता का सच्चा सपूत और हिन्दू समाज का पथ प्रदर्शक बताया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यअतिथि के रुप में उपस्थित ‘भारत सेवाश्रम संघ’, झारखंड के प्रमुख परम पूज्य स्वामी मुक्तात्मानन्द जी महाराज द्वारा दीप प्रज्जवलन के बाद दीप मंत्र, सरस्वती वंदना, संघ गीत, परिषद गीत तथा स्वागत गीत के साथ की गई ।
मौके पर परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ० अशोक कुमार सिंह ने परिषद परिचय, कार्य एवं व्यवहार पर बोलते हुए कहा कि अखिल भारतीय साहित्य परिषद संस्कृति के पुनर्जागरण और साहित्य की नवीन रचनाशीलता पथ का पथिक है,जो श्रेष्ठ जीवन जीवन्त बनाने का कार्य करता है । इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्वामी मुक्तात्मानन्द महाराज जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अखिल भारतीय साहित्य परिषद भारतीय भाषाओं का एक देशव्यापी संगठन है, जिसकी स्थापना 1966 में दिल्ली में हुई थी। प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष काल में अनेक महानुभावों का सहयोग प्राप्त हुआ एवं सरदार जीत सिंह जीत के कुशल संगठनात्मक क्षमता के कारण इसकी व्यापकता प्राप्त हुई ।

इसके उपरान्त मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा झारखंड के 19 जिलों से कुल 18 विभिन्न भाषाओं के साहित्य साधकों को साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया । सम्मानित होने वालों में सर्वश्री / श्रीमती डाॅ० प्रशांत करण, विजय कुमार भारती, डोबरो बुड़ीउली, डाॅ०पम्पा सेन विश्वास, महेन्द्र मोदी, डाॅ० अशोक कुमार ‘अविचल’, दिन्श्वर प्रसाद सिंह ‘दिनेश’, कुमार मनोज अरविन्द, डाॅ० अजय कुमार ओझा, डाॅ० प्रदीप प्रभात, मंगल सिंह मुण्डा, अमन कुमार होली, हरदेव नारायण सिंह,आदित्य कुमार मार्डी, डाॅ० मनोज कुमार राही, कमल लोचन कोड़ा, डाॅ० शकुन्तला मिश्र, डाॅ० चन्द्र किशोर केरकेट्टा, डाॅ० मित्रेश्वर अग्निमित्र, अंजनी शरण, डाॅ० कुमारी किरण वर्ण वाल, डाॅ० राम रंजन सेन, उमा शंकर ‘उरेन्दु’, शैलेन्द्र पाण्डेय शैल, सुरेश कुमार विश्वकर्मा प्रमुख रहे । जबकि सांगठनिक सम्मान पाने वालों में सर्वश्री /श्रीमती डाॅ० प्रसेनजित तिवारी, डाॅ० विजय प्रकाश, डाॅ० राजीव मिश्र ‘राजन’, रेणु वाला कुमारी, गुड़िया कुजुर, ललित शर्मा, मनीषा सहाय सुमन, विनीत कुमार, लव कुमार, सुशांत कुमार पाठक, अमन कुमार दास, इन्द्रजीत यादव, चन्दन प्रजापति, दुर्गेश चौधरी, निर्मला पुतुल, सपना चन्द्रा प्रमुख रहे ।
सम्मान समारोह के उपरान्त महानगर संगठन सचिव श्री राजेन्द्र सिंह के संचालन में देर शाम तक शहर और बाहर से आए बाहर कवियों द्वारा बहुभाषी कवि सम्मेलन चलता रहा।

इसके पूर्व सुबह 10 बजे प्रदेश कार्यकारिणी के बैठक में राज्य भर से पधारे प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में 15 अप्रैल से सदस्यता अभियान का आरम्भ , साहित्यिक यात्रा तथा “साहित्य प्रभा” पत्रिका के प्रकाशन पर सर्व सम्मति से सहमति बनी ।
कार्यक्रम के अंत में प्रदेश महासचिव डाॅ० विजय प्रकाश ने अपने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के दौरान कार्यक्रम में प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से जुड़े सभी जनो के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आगामी 25 मई को होने वाले आम चुनाव में स्वच्छ मतदान, शत प्रतिशत मतदान एवं पहले मतदान फिर जलपान की बात कही ।

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