स्टील की घटेगी कीमत:बजट में ड्यूटी घटने से सस्ते स्टील के आयात को मिलेगा बढ़ावा, भारतीय कंपनियों के लिए बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

सरकार ने बजट में फ्लैट स्टील उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को 12.5% से घटाकर 7.5% कर दिया
इसी तरह लांग प्रॉडक्ट पर कस्टम ड्यूटी को 10% से घटाकर 7.5% कर दिया गया है
नई दिल्ली-सरकार ने आम बजट में स्टील के उत्पादों पर आयात शुल्क घटा दिया है। इससे इन उत्पादों के आयात को बढ़ावा मिल सकता है और इन्हें बनाने वाली भारतीय कंपनियां निकट भविष्य में अपने उत्पादों की कीमत घटाने के लिए मजबूर हो सकती हैं। यह बात रेटिंग एजेंसी ICRA ने अपनी एक रिपोर्ट में कही।
हालांकि रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि बजट की कई घोषणाएं ऐसी हैं, जिससे आने वाले महीनों में देश में स्टील की मांग तेज रह सकती है। ये पहलू स्टील उत्पादों की कीमत को गिरने से रोकेगी। इसलिए अंतरराष्ट्रीय कीमत में भारी गिरावट आने के बाद ही देश में स्टील कीमत पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

दक्षिण कोरिया और जापान से होने वाले आयात पर असर नहीं होगा
ICRA के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड, कॉरपोरेट सेक्टर रेटिंग्स जयंत रॉय ने कहा कि ड्यूटी घटने से दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों से होने वाले आयात पर असर नहीं पड़ेगा। इन देशों के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है। चीन व अन्य नॉन-FTA देशों से होने वाला आयात हालांकि सस्ता हो जाएगा।

मार्च 2021 तक भारतीय HRC की कीमत को 10% तक घटाना पड़ सकता है

रॉय ने कहा कि चीन से निर्यात होने वाले हॉट रोल्ड कॉइल (HRC) का प्राइस पहले ही जनवरी 2021 में 10% गिर गया है, क्योंकि नवंबर-मार्च के ठंड के मौसम में इसकी मांग घट गई है। नए प्राइस पर जो माल चीन से भारत आ रहा है, उसकी कीमत नए ड्यूटी रेट पर भारततीय HRC के मुकाबले 10 फीसदी कम पड़ रही है। इसलिए यदि सब कुछ स्थिर रहे और यह मान लिया जाए कि आयातित माल के भारत पहुंचने में करीब 2 महीने लगेंगे, तो उस हिसाब से मार्च 2021 तक भारतीय HRC की कीमत को 10% तक घटाना पड़ सकता है, ताकि घरेलू उत्पादन आयातित माल के साथ प्रतियोगिता कर सकें।
बजट से पहले घरेलू स्टील की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी
बजट से पहले घरेलू स्टील की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी चल रही थी। जून 2020 के अंत में घरेलू (HRC) की कीमत 36,250 रुपए प्रति टन थी। जुलाई से दिसंबर 2020 तक इसकी कीमत करीब 54% बढ़ गई थी। इस दौरान ग्लोबल प्राइस भी 56% बढ़ गया था। जनवरी 2021 में यह प्राइस और बढ़कर रिकॉर्ड 58,000 रुपए प्रति टन पर पहुंच गया। अभी यह 56,000 रुपए प्रति टन पर चल रहा है।
स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ने से सेकेंडरी स्टील प्रॉड्यूशर्स को लाभ मिलेगा
स्टील के उपभोक्ता उद्योगों को ऊंची कीमत की मार से बचाने के लिए सरकार ने बजट में फ्लैट स्टील उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को 12.5% से घटाकर 7.5% कर दिया। इसी तरह लांग प्रॉडक्टर पर कस्टम ड्यूटी को 10% से घटाकर 7.5% कर दिया गया। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च 26% फीसदी बढ़ाए जाने से स्टील की खपत बढ़ने का अनुमान है। उधर स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ने, शिप ब्रेकिंग कैपेसिटी को कारोबारी साल 2024 तक बढ़ाकर दोगुना किए जाने और कारोबारी साल 2022 के अंत तक स्टील स्क्रैप पर ड्यूटी घटाए जाने से सेकेंडरी स्टील प्रॉड्यूशर्स को लाभ मिलेगा।
स्टील पाइप की मांग बढ़ने का अनुमान
ICRA ने कहा कि जल जीवन मिशन (अर्बन) पर 2.87 लाख करोड़ रुपए के आवंटन और सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क से 100 और जिलों को जोड़ने से स्टील पाइप की बिक्री बढ़ने का अनुमान है। कई शहरों में मेट्रो रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 175% ज्यादा आवंटन करने और सार्वजनिक बस परिवहन पर 18,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना से भी घरेलू स्टील कंपनियों को लाभ मिलेगा। रॉय ने कहा कि निकट अवधि में स्टील की कीमत भले ही घटे, लेकिन उसके बाद इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च बढ़ने से स्टील की मांग में बढ़ोतरी होगी।

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