श्रीनाथ और साईनाथ यूनिवर्सिटी, रांची का नाम बेचकर डोबो में दिखा दिया श्री साईनाथ यूनिवर्सिटी, सौ से अधिक अभ्यार्थियों के भविष्य के साथ किया खेलवाड़, लाखों की उगाही

जमशेदपुर,9 मई संवाददाता यूनिवर्सिटी खोलकर उसमें नियोजन देने का सुनहरा सपना दिखाकर जमशेदपुर में देशभर के लगभग 100 से अधिक युवक-युवतियों और जीवन के मध्य पड़ाव मे ंआये लोगों के साथ ऐसी धोखाधड़ी की गई है जिसकी कल्पना शायद नटवरलाल ने की हो। भले ही युनिवर्सिटी खोलने के लिये कोल्हान के कुछ घरानों की जूती घिस गई हो, वहीं चाईबासा मयूर होटल केसमीप रहने वाले दुबेजी के खानदान के कुलदीपक ने जुबान और पेपर ही यूनिवर्सिटी खोल दिया और इसमें नौकरी का सब्जबाग दिखाकर सौ से अधिक लोगों से िवभिन्न मदों में अबतक एक आकलन के अनुसार लाखों रुपये बटोर लिये । ऊपर से इन अभ्यार्थियों को जिस गेस्ट हाउस में ठहराया वहां का भाड़ा भी नहीं चुकाया। दुबेजी का परिवार कोल्हान में मधु कोड़ा शासन में बिनोद सिन्हा के सानिध्य में खूब चर्चित हुआ था। उसके पहले एक सहकारी बैंक को लेकर भी खूब नाम उछला था।


जमशेदपुर में श्रीनाथ यूनिवर्सिटी और रांची में साई नाथ यूनिवर्सिटी का नाम बेचकर यहां दुबेजी ने श्री साईनाथ यूनिवर्सिटी खोल दिया।पहले बताया कि श्रीनाथ यूनिवर्सिटी उनका है। भाइयों में झगड़ा हो गया है इसलिये दूसरे भाई ने श्रीसाईनाथ यूनिवर्सिटी खोला है। बाद में साईनाथ यूनिवर्सिटी रांची का नाम यह कहकर बेचा गया कि उसी यूनिवर्सिटी का जमशेदपुर में श्री साईनाथ यूनिवर्सिटी के नाम से विवि खोला गया है। यूजीसी ट्रेनिंग और विभिन्न रजिस्ट्रेशन मद में खर्चा बताकर पहले सबसे 25-25 हजार रुपये लिया और बाद में अन्य खर्चों को बढाते- बढाते किसी से 50 हजार, किसी से 40 हजार और किसी से लाख रुपये तक वसूल लिया। कुछ ऐसे बच्चे आयें जिनका कैंपस में अन्यत्र चयन हो गया था लेकिन अन्य सुविधाओं के प्रलोभन में अपने कैंपस प्लेसमेंट को छोड?र यहां आ गये। लगभग तीन चार महीनों तक उन्हें इधर उधर बहलाया और बाद में गेस्ट हाउस में लाकर ठहरा दिया। यूनिवर्सिटी का लेटर हेड देखने से साफ पता चलता है कि यह कागजी घोड़ा है। यूनिवर्सिटी में न यूजीसी का एप्रुवल लेटर नंबर है न झारखंड सरकार की स्वीकृति का कोई पत्रांक जो किसी भी विवि को प्रदर्शित करना आवश्यक होता है। इस धोखाधड़ी का शिकार होकर कई लोग नौकरी छोड?र यहां आये। एक युवती कैंपस प्लेसमेंट छोड?र पहुंची। ये सब देश के दूसरे ्िहस्सों से यहां पहुंचेे। गेस्ट हाउस में उन्हें सिलेबस बनाने के काम में कुछ दिनों तक उलझाया गया। कैंपस किसी को नहीं दिखाया गया। लेटर हेड में पता डोवो, कांदरबेड़ा, जमशेदपुर दिखाया गया। एक अभ्यार्थी के अभिभावक तीन दिनों तक यहां कैंपस देखने के लिये होटल के कमरे में बैठे रहे। बिल्डर से चाबी मंगा रहे हैं तो कभी कोई कारण बताकर उन्हें भरमाया जाता रहा। उल्लेखनीय है कि डोवो में श्रीनाथ यूनिवर्सिटी ने अपने विवि भवन के लिये जमीन खरीदी है।संभव है, जालसालों के दिमाग में उस जमीन के बारे में जानकारी हो।
गेस्ट हाउस में फंसे लोग अपने शुल्क पर भोजन का खर्च उठाते रहे। ठहरने के लिये जो लांजिंग चार्ज इन जालसाजों को देना है, जिसे उन्होंने अब तक नही ंचुकाया है। कमरे में बंद-बंद अभ्यार्थियों को खटकने लगा कि कुछ गड़बड़ है। एक -एक कर वे अपना पैसा वापस मांगने लगे और जाने की जिद करने लगे तो इन जालसाजों ने भरसक उन्हें रोकने की कोशिश की।पैसे नहीं ही चुकाये। कुछ कानूनी कार्रवाई की धमकी देने पर एकाध लोगों का पैसा वापस देने की खबर है। अभ्यार्थियों को धमकी भी दी गई कि उनका यहां जोर है कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।बाहर से आये अभ्यार्थी भयवश कानून का सहारा नहीं ले पा रहे हैँ।
पंकज कुमार दुबे अपने को इस यूनिवर्सिटी का वीसी बताते हैं। उनके साथ तुषार कांत राउत, प्रभुल्ल चंद बादल, मोह्म्मद शकील अंजुम आदि व्यक्ति जुड़े हैँ। पंकज दुबे 164,तसर फार्म मयूर होटल, टुंगरी चाईबासा के निवासी हैं। आदित्यपुर में स्काई रेसिडेंसी ब्लाक ए फ्लैट नंबर 102 के पते पर रहते हैं। उनका संपर्क नंबर 6203990584 तथा 9031030031 बताया जाता है। तुषार कांत राउत का पता वार्ड नंबर सात बासुदेव स्थान के पास , बाघमारी हाजीपुर और आदित्यपुर में उसी स्काई रेसिडेंसी के ब्लाक एफ फ्लैट नंबर 402 है। उनका फोन नंबर 9031030032 है। प्र्रफुल्ल चंद बादल बल्द स्व अमरनाथ सिंह,एनआईटी कैंपस के नजदीक आदित्यपुर तथा मोहम्मद शकील अंजुम वल्द स्व जियाउद्दीन कीताडीह टिस्को सेंटर के नजदीक का पता बताते हैं।

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