जमशेदपुर : जिला अभियंता, जिला परिषद जमशेदपुर की इको स्पोर्ट्स सफेद रंग की कार बिष्टुपुर थाने में क्यों ज़ब्त खड़ी है ? JH 05 BG – 1169 नंबर की कार जिसमें डीई, ईस्ट सिंहभूम जेएसआर का प्लेट और पीछे झारखंड सरकार का स्टीकर लगा हुआ है, थाना परिसर में जब्त वाहनों के बीच चर्चा का विषय बन गई है.झारखंड सरकार की गाड़ी झारखंड के थाने में जब्त रहे और उसे कोर्ट से रिलीज कराने की कोई पहल न हो, आश्चर्यचकित करनेवाली बात है.कहा जाए कि BISTUPUR P.S. में ” सरकार ज़ब्त ” है तो इसके लिए कौन जवाबदेह होगा?
पता चला है कि इस कार से सन 2022 के अक्टूबर माह में एक दुर्घटना हुई, जिसमें सामने से एक दूसरे दुपहिया वाहन की टक्कर हुई और उसका सवार मौत का शिकार हो गया. जिला परिषद की यह कार भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई जिसका बाद में वर्कशॉप में रिपेयर कराया गया. पुलिस ने जांच में सीसीटीवी फूटेज आदि के आधार पर कार का पता किया तो यह कार जिला परिषद की डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर के लिये खरीदी गई कार निकली. दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को थाने से रिलीज कराने का कोर्ट में सहज प्रावधान होता है और वाहन मालिक दुर्घटनाग्रस्त वाहन को कोर्ट से आदेश लाकर थाने से रिलीज करा लेते हैं. झारखंड सरकार और जिला परिषद की स्थानीय सरकार इस वाहन को रिलीज नहीं करा रही, कारण बड़ा दिलचस्प बताया जाता है.”माल महाराज का मिर्जा खेले होली ” के तर्ज़ पर जनता के पैसों से खरीदी गयी कार को लेकर डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर को कोई मोह नहीं . अफसोसजनक बात जिला परिषद की ‘नख दंत विहीन बनी दशा’ और हाथी के दांत बने दिखावटी स्वरुप को लेकर हो रही है. जिला परिषद एक स्वतंत्र निर्वाची निकाय है, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 27 निर्वाचित पार्षद हैं. चुनाव के समय जनता के बीच लंबे लंबे वायदे करनेवाले ये पार्षद जिला परिषद भवन और ढांचे में दुम दबाए रहते हैं. इन्हें पता भी नहीं कि परिषद के लिये खरीदी गई ईको स्पोर्ट्स कार कहां है और थाने में किस स्थिति में क्यों ज़ब्त खड़ी है. जिला परिषद के मालिक स्वनाम धन्य डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर बने हुए हैं, जो यहां प्रभार में हैं और जिनकी मूल पदस्थापना स्पेशल डिवीजन में कार्यपालक अभियंता के रूप मे सरकार ने की.लेकिन जमशेदपुर में जिला परिषद डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर, JNAC इंजीनियर, आदि के प्रभार में भी हैं. Special Division में रहते हुए अति दुस्साहस से अपने विभाग की नाफरमानी करते हुए अपने क्रियाकलापों को लेकर चर्चा बटोर रहे हैं. यहां नवनियुक्त DDC जो जिला परिषद के CEO माने जाते हैं, पता करें कि गाड़ी दुर्घटना के बाद यह स्थिति क्यों बनी है और दुर्घटनाग्रस्त कार का repairing शुल्क कैसे बिना पूर्व DDC की अनुमति के भुगतान किया गया तो पता चले कि सिस्टम को कैसे तोड़ मरोड कर रखा गया है.
अपुष्ट सूत्रों के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त ईको स्पोर्ट्स का टैक्स -इंश्योरेंस फेल है और टैक्स और इंश्योरेंस अपडेट कराकर उसे रिलीज कराया जा सकता है लेकिन कागज में डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर उजागर नहीं होना चाहते कि दुर्घटना के समय गाड़ी के टैक्स और इंश्योरेंस क्यों फेल थे जिस कारण दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को इंश्योरेंस का कोई लाभ नहीं मिलने पर उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
जिला परिषद के निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य प्रतिनिधियों के लिये यह शर्म की बात है कि वे बिना गाड़ी के विधवा विलाप करते रहे और दूसरी ओर उनकी खुद की ‘सरकार’ की गाड़ी थाने में सड़ रही है जिसका उन्हें ज्ञान भी नहीं है.
स्पेशल डिवीजन के अभियंता एक ओर ग्रामीण विकास विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखाकर जिला स्तर पर योजनाओं को ले-लेकर जिला की एजेंसियों एनआरईपी, आईटीडीए, जिला परिषद आदि को पंगु बनाकर सब इंजीनियरो पर भारी बने हुए हैं वहीं जिला परिषद डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर के नाम खरीदी गई कार को बिष्टुपुर थाने में सड़ाकर जिला परिषद की निर्वाचित सरकार को भी औकात दिखा रहे हैं. उनके एक से एक कारनामे सामने आ रहे हैं.