प्रधानमंत्री मोदी दूसरे फेज में टीका लगवाएंगे

इस फेज में 50 साल से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीन लगेगी
नई दिल्ली 21 january
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में टीका लगवाएंगे। दूसरे फेज में मोदी के साथ-साथ सभी मुख्यमंत्रियों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी। यह दावा मीडिया रिपोर्ट्स में किया जा रहा है। कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ नेताओं ने कहा था कि प्रधानमंत्री को पहले खुद वैक्सीन लगवानी चाहिए थी।
देश में पहले फेज का वैक्सीनेशन 16 जनवरी को शुरू हुआ था। इसमें 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगने हैं। इसके लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को मंजूरी दी गई थी। दूसरे फेज में 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। दूसरा फेज कब शुरू होगा, अभी यह तय नहीं है।
मोदी ने कहा था- प्रोपेगैंडा से दूर रहें
कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा था, “आपको किसी तरह के प्रोपेगैंडा या दुष्प्रचार से बचकर रहना है। हमारे वैज्ञानिकों की दुनिया में बहुत विश्वसनीयता है। हमने यह विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। आपको बहुत गर्व होगा कि दुनिया में जितने बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगते हैं, उनमें से 60% भारत में ही बनते हैं।

पिछले 5 दिन में 7.86 लाख हेल्थकेयर वर्कर्स को टीके लगे
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 5 दिन में वैक्सीनेशन के 14,119 सेशन हुए। इनमें 7 लाख 86 हजार 842 हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई।

स्वास्थ्य मंत्री बोले- कुछ लोग राजनीतिक वजहों से दुष्प्रचार कर रहे
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि हमारी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। जो साइड इफेक्ट हो रहे हैं, वे कॉमन हैं और किसी भी वैक्सीनेशन के बाद देखे जा सकते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग राजनीतिक वजहों से वैक्सीनेशन के बारे में गलत जानकारियां फैला रहे हैं। इस वजह से कुछ लोग वैक्सीन लगवाने में झिझक रहे हैं।

लोगों का डर दूर करने के लिए बाइडेन भी लगवा चुके वैक्सीन
अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामलों और वैक्सीनेशन को लेकर आशंकाओं के बीच प्रेसिडेंट जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने फाइजर वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था। इसके बाद जो बाइडेन ने कहा, “मैं सबको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वैक्सीनेशन से डरने की कोई जरूरत नहीं। आपको अपने वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स पर भरोसा रखना चाहिए।”

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