संसद में दिए PM Modi के बयान पर घमासान

केजरीवाल ने बताया झूठ, कांग्रेस ने कहा- बिना योजना के लॉकडाउन थोपा था

PM नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों को लेकर संसद में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र की कांग्रेस गठबंधन सरकार पर हमला बोला, जिसके बाद दोनों पार्टियों ने पीएम के बयान को झूठा करार दिया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम के बयान का वीडियो साझा कर कहा है कि प्रधानमंत्री जी का ये बयान सरासर झूठ है. इधर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लॉकडाउन लगा मज़दूरों व उनके परिवारों को बेहाली के भँवर में धकेलने वाले, ‘माफ़ी मांगने’ की बजाय मदद के लिए जुटे ‘हाथ’ पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा, “उस समय दिल्ली में ऐसी सरकार थी, जो है, उस सरकार ने तो जीप पर माइक बांध कर के दिल्ली की जुग्गी झोपड़ियों में गाड़ी घमाकर के लोगों से कहा कि संकट बड़ा है भागो, गांव जाओ, घर जाओ. और दिल्ली से जाने के लिए बसें दीं. आधे रस्ते छोड़ दिया और श्रमिकों के लिए अनेक मुसीबतें पैदा कीं. इस वजह से यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में जिस कोरोना की इतनी गति नहीं थी, इतनी तीव्रता नहीं थी. इस पाप के कारण कोरोना ने वहां भी अपने लपेट में ले लिया.” पीएम मोदी के इसी बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है.
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री जी का ये बयान सरासर झूठ है. देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे. लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता.”
पीएम मोदी ने ऐसा ही आरोप कांग्रेस पर भी लगाया. उन्होंने कहा, “सब कांग्रेस के लोगों ने क्या किया? मुंबई के रेलवे स्टेशन पर खड़े रह कर के, मुंबई छोड़ कर जाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुंबई छोड़कर जाने के लिए टिकट दिया गया. फ्री में टिकट दिया गया. लोगों को प्रेरित किया गया कि जाओ महाराष्ट्र में जो हम पर बोझ है वो ज़रा कम हो. जाओ तुम उत्तर प्रदेश के हो, तुम बिहार के हो, जाओ वहां कोरोना फैलाओ. आपने ये बहुत बड़ा पाप किया.” पीएम मोदी के इस बयान को कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आपत्तिजनक करार देते हुए ट्वीट कर पलटवार किया.
संजय निरुपम ने कहा, “प्रधानमंत्री का यह बयान आपत्तिजनक है. उन्होंने बिना किसी नियोजन के लॉकडाउन थोपा था. मुंबई के माइग्रेंट श्रमिकों का कामकाज ठप्प. भुखमरी की नौबत थी. मुलुक जाने की बेचैनी थी. विशेष ट्रेनों की व्यवस्था उनकी सरकार ने ही की थी. राज्यों ने हामी भरी थी.”

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