भारत और पाकिस्तान के एशिया कप के फाइनल मैच में भारत ने पाकिस्तानी टीम को ऐसी पटखनी दी की पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ से लेकर पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आग़ा तक सब भारतीय टीम पर अपनी हार की खीझ निकालने लगे. एक तरफ़ पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा कि क्रिकेट की संस्कृति और भावना को नष्ट करके भारतीय प्रधानमंत्री मोदी उपमहाद्वीप में शांति और मुद्दों के समाधान की संभावनाओं को खत्म कर रहे हैं तो पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आग़ा ने भारतीय टीम पर आरोप लगाया कि पाकिस्तानी टीम से हाथ ना मिलाकर भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम का नहीं बल्कि क्रिकेट का अपमान किया है.
हालांकि इसी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ख़ुद सलमान अली आग़ा ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की आतंकवाद पर पोल खोल दी. उन्होंने ऐलान किया कि पूरी पाकिस्तानी टीम अपनी मैच फ़ीस भारत के हमले में मारे गए नागरिकों के लिए दान करेगी. यह हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 7 मई को पाकिस्तान पर हमले में आम नागरिक नहीं बल्कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकी ,जैश सरगना मसूद अजहर के परिवार वाले और लश्कर ए तैयबा के आतंकी मारे गए थे. उसके बाद अगले तीन दिन भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस पर हमला किया था, जिसमे सेना के जवान और अफसर मारे गए थे. यानी जिन्हें सलमान अली आग़ा आम नागरिक कह रहे है वो असल में जैश और लश्कर के आतंकी और आतंकी मसूद अज़हर के परिवार वाले थे.
भारत की स्ट्राइक में आतंकी मसूद अजहर का परिवार तबाह
उदाहरण के लिए आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर मरकज सुभानल्लाह में भारत की स्ट्राइक में आतंकी मसूद अज़हर के परिवार के कुल 14 लोग मारे गए थे, जिसमें आतंकी मसूद अजहर के दो बहनोई कंधार हाईजैक में शामिल आतंकी यूसुफ अज़हर और बहावलपुर स्थित जैश हेडक्वार्टर का संचालक मोहम्मद जमील अहमद शामिल थे. इसके अलावा इसी जैश हेडक्वार्टर में रह रहा आतंकी हमज़ा जमील भी भारत की स्ट्राइक में मारा गया था, जो आतंकी मोहम्मद जमील अहमद का बेटा था और कश्मीर में जैश ए मोहम्मद का संचालन देखता था. साथ ही भारतीय स्ट्राइक में आतंकी हुज़ैफ़ा अज़हर की भी मौत हुई थी, जो आतंकी मसूद अज़हर के भाई इब्राहिम अज़हर का गोद लिया हुआ बेटा था और अफगानिस्तान और ख़ैबर पख्तूनख़्वाह में जैश ए मोहम्मद का कामकाज देखता था.
पाकिस्तानी कप्तान का ऐलान
इसी तरह भारत की स्ट्राइक में मुज़फ़्फ़राबाद स्थित मरकज़ बिलाल का संचालक याकूब मुग़ल, आतंकी हसन खान जो जैश ए मोहम्मद के PoK में कमांडर असगर ख़ान कश्मीर का बेटा था और हसन का साथी आतंकी वकास भी मारा गया था. मुरीदके में स्थित लश्कर के हेडक्वार्टर मरकज तैयबा में आतंकी मुदस्सिर और अबू उकसा की मौत हुई थी, ये आतंकियों को हथियार की ट्रेनिंग देते थे. अब जिस तरह से पाकिस्तानी कप्तान ने ऐलान किया है कि पूरी टीम की मैच फीस भारतीय स्ट्राइक में मारे गए कथित नागरिकों के लिए जाएगी तो एक बात तो साफ है कि भारत के ख़िलाफ आतंक की फैक्ट्री चला रहे इन AK-47 पकड़े आतंकियों को मारने के साढ़े 4 महीने बाद पाकिस्तानी क्रिकेट टीम वैसे ही सम्मानित कर रही है, जैसे पाकिस्तानी सेना और सरकार ने इन्हें नमाज ए जनाजा में किया था.
पाकिस्तानी टीम का आतंकियों के साथ प्रेम
वैसे पाकिस्तानी टीम का आतंकियों के साथ प्रेम कोई नई बात नहीं है, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान जब खेलते थे, तब तालिबान के समर्थन की वजह से वो दक्षिण एशिया में तालिबान ख़ान नाम से प्रसिद्ध हुए थे, लेकिन अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदली हुई स्थिति में कभी पाकिस्तानी क्रिकेटर साहिबज़ादा फरहान भारत के साथ मैच में अर्धशतक के बाद बंदूक चलाने का इशारा करता है तो भारत के साथ फाइनल सहित अपने तीनो मैच हारने के बाद पाकिस्तानी कप्तान पूरी टीम की मैच फीस उन कथित नागरिकों के नाम दान करने का ऐलान करता है. ये ना सिर्फ AK-47 पकड़े आतंकी थे, बल्कि उनमें से कई वैश्विक आतंकी मसूद अजहर के परिवार के सदस्य थे जो सैकड़ो भारतीयों की मौत के जिम्मेदार हैं.