सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज
पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूटा; किस जिले में कितनी बारिश
झारखंड से आधिकारिक तौर पर मानसून सोमवार को विदा हो गया। मानसून राज्य में 118 दिनों तक बना रहा। इस दौरान सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। इस साल मानसून 17 जून को झारखंड पहुंचा था।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सोमवार को झारखंड से आधिकारिक तौर पर विदा हो गया। इस साल मानसून 17 जून को झारखंड पहुंचा। उन्होंने बताया कि यह आमतौर पर 10-12 अक्टूबर तक मानसून राज्य से विदा हो जाता है। मानसून के 118 दिनों में राज्य में सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।
आधिकारिक तौर पर 1 जून से 30 सितंबर तक की बारिश को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग देश भर में मानसूनी बारिश मानता है। 1 अक्टूबर से होने वाली बारिश को मानसून के बाद की बारिश मानता है।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया कि झारखंड में 1 जून से 30 सितंबर तक मानसून के दौरान 17 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इस अवधि में राज्य में 1198.8 मिमी वर्षा हुई है, जबकि सामान्य वर्षा 1022.9 मिमी होती है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, वर्षा में 19 प्रतिशत का उतार-चढ़ाव सामान्य माना जाता है। इस बार पिछले एक दशक में राज्य में सबसे ज्यादा बारिश हुई। इससे पहले 2016 में 1101.88 मिमी बारिश हुई थी।
आनंद ने कहा कि झारखंड में दक्षिण-पश्चिम मानसून 17 जून से 13 अक्टूबर तक 118 दिनों तक रहा। इस दौरान राज्य में 1243.9 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक है। यह आईएमडी पैरामीटर के अनुसार अत्यधिक बारिश की श्रेणी में आता है।
इस दौरान राज्य में कई बार भारी बारिश हुई, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ। मानसून के दौरान 24 जिलों में से 8 जिलों में सामान्य से अधिक, 15 जिलों में सामान्य और एक जिले में कम बारिश दर्ज की गई। पूर्वी सिंहभूम जिले में राज्य में सबसे अधिक 1666.1 मिमी बारिश हुई, जबकि गोड्डा में 18 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।
मानसून के जाने के साथ ही लोगों को सुबह और शाम हल्की ठंड का एहसास होने लगा है। अधिकारी ने बताया कि महीने के अंत तक झारखंड में ठंड का आगमन होने की संभावना है।