सुधरी बाजार की चाल तो कंपनियों की बांछें खिलीं

नए साल के पहले दिन खुशखबरी। आर्थिक गतिविधियों में लगातार सुधार के कारण दिसंबर 2020 में 1.15 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन हुआ है। जुलाई 2017 से देश में जीएसटी लागू होने के बाद यह सबसे ज्यादा है। इससे पहले का रिकॉर्ड 1.14 लाख करोड़ रुपए का था, जो अप्रैल 2019 बना था। अक्टूबर 2020 में जीएसटी से 1 लाख 5 हजार 155 करोड़ रुपए और नवंबर में 1 लाख 4 हजार 963 करोड़ रुपए आए थे। वित्त मंत्रालय का कहना है कि जीएसटी चोरी और फेक बिल के खिलाफ देशभर में चलाए गए अभियान के कारण भी कलेक्शन बढ़ा है।
2020 में केवल 5 महीने 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कलेक्शन
कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण 2020 में सिर्फ पांच महीने त्रस्ञ्ज कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जनवरी 2020 में 1 लाख 10 हजार 828 करोड़ रुपए कलेक्शन रहा था। इसके अगले महीने फरवरी में 1 लाख 5 हजार 366 करोड़ रुपए आए थे। अनलॉक के बाद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है।
अप्रैल में सबसे कम कलेक्शन हुआ था
कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन से मार्च से त्रस्ञ्ज कलेक्शन घटने लगा था। उस महीने कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से कम होकर 97 हजार 597 करोड़ रुपए रह गया था। अप्रैल में तो यह सिर्फ 32 हजार 172 करोड़ रुपए रह गया जो अब तक का सबसे कम है। हालांकि मई से इसमें लगातार सुधार हो रहा है।
जीएसटी कलेक्शन बढऩे के तीन प्रमुख कारण
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, दिसंबर 2020 में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 12त्न ज्यादा रेवेन्यू मिला है।
दिसंबर में 2020 आयात बढ़ गया है। एक साल पहले के मुकाबले इस साल आयात से 27त्न ज्यादा रेवेन्यू मिला है।
त्रस्ञ्ज चोरी और फेक बिल के खिलाफ देशभर में चलाए गए अभियानों के कारण भी ज्यादा टैक्स मिला है।
अप्रैल-मई में गिरावट की हो सकती है भरपाई
जीएसटी का यह रिकॉर्ड ऐसे समय बना है, जब कोविड-19 के कारण हालात अभी तक पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। इंडस्ट्री चैंबर सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, स्थिति अब सामान्य हो रही है। आयात पर टैक्स कलेक्शन बढऩे का मतलब है कि लॉकडाउन की सुस्ती के बाद अब उद्योगों में तेजी से सुधार हो रहा है। कंसल्टेंसी फर्म डेलॉय इंडिया के सीनियर डायरेक्टर एम.एस. मनी के अनुसार अर्थव्यवस्था में मांग लगातार बढ़ रही है। इस वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों, खासकर अप्रैल और मई में जीएसटी कलेक्शन में जो कमी आई थी, जनवरी से मार्च के दौरान उसकी काफी हद तक भरपाई हो जाएगी। गौरतलब है कि अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीएसटी कलेक्शन 14त्न कम रहा है।

शेयर मार्केट में 10 साल का रिकॉर्ड टूटा
नए साल के पहले दिन खत्म हुए कारोबारी हफ्ते में शेयर मार्केट ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बाजार में लगातार 9वें हफ्ते बढ़त रही। इससे पहले अप्रैल 2010 में इतनी लंबी वीकली बढ़त दर्ज की गई थी। निफ्टी भी पहली बार 14 हजार पॉइंट के ऊपर बंद हुआ। 1 जनवरी, 2021 को सेंसेक्स 117.65 पॉइंट ऊपर चढक़र 47,868.98 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इंडेक्स 47,980.36 तक पहुंचा. एसबीआई, टीसीएस, एचडीएफसी, एचसीएल और रिलायंस के शेयर्स में बढ़त रही। एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई
है कि अगले हफ्ते सेंसेक्स 48 हजार का रिकॉर्ड लेवल छू सकता है।
रिकॉर्ड हाई पर मार्केट कैप
बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पहली बार 189.26 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा। चौतरफा तेजी के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 3,170 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 2,043 यानी 64 प्रतिशत के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
निफ्टी ने भी रिकॉर्ड बनाया
निफ्टी ने भी शुक्रवार को नया रिकॉर्ड बनाया। यह 36.75 अंक ऊपर चढक़र पहली बार 14,018.50 पर बंद हुआ। इंट्राडे में इंडेक्स 14,049.85 तक पहुंचा। अदाणी पोर्ट का शेयर 4.39 प्रतिशत ऊपर 505 रुपए पर बंद हुआ।

बाजार की उम्मीद से बेहतर रही मारुति सुजुकी की बिक्री
दिसंबर सीजन में गाडिय़ों की खुदरा बिक्री कम रहेगी, दौलत कैपिटल ने यह बात 28 दिसंबर को जारी अपनी रिपोर्ट में कही थी। ब्रोकरेज फर्म ने इसके लिए कम डिस्काउंट, किसानों के आंदोलन और 2021 के नए मॉडल के इंतजार में गाडिय़ों की कम खरीदारी जैसी वजहें गिनाई थीं। हालांकि मारुति सुजुकी की बिक्री के आंकड़े उसकी उम्मीदों से बेहतर रहे हैं जिसकी सेल्स उसने दिसंबर में 11.40 पर्सेंट बढक़र 1,48,500 यूनिट रहने का अनुमान दिया था। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने दिसंबर 2020 में 1,60,226 गाडिय़ां बेचीं जो पिछले दिसंबर में बेची गईं 1,33,296 यूनिट्स से 20.2 प्रतिशत अधिक है।
अनुमान से ज्यादा कमजोर रही एम एंड एम की ऑटोमोटिव सेल
एम एंड एम की ऑटोमोटिव सेल दौलत ने दिसंबर 2020 में दो पर्सेंट घटकर 38,450 रहने का अनुमान दिया था लेकिन असल आंकड़े ज्यादा खराब रहे हैं और कंपनी दिसंबर में सिर्फ 35,187 गाडिय़ां बेच पाई है। जहां तक वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल की बात है तो दिसंबर 2020 में इसकी सेल्स सालाना आधार पर 3 पर्सेंट गिरकर 4,892 गाडिय़ों पर रही। हालांकि दौलत ने इसकी सेल्स 18.5 पर्सेंट गिरकर 4,000 यूनिट रहने का अनुमान दिया था।
बजाज ऑटो की दिसंबर में सेल्स 4.1 पर्सेंट बढऩे का अनुमान
दौलत ने बजाज ऑटो की टोटल सेल्स दिसंबर में 4.1 पर्सेंट बढक़र 3,50,000 यूनिट रहने का अनुमान दिया है। इसके मुताबिक कंपनी के तिपहिया की बिक्री में सालाना आधार पर 28.2 पर्सेंट की गिरावट आ सकती है। लेकिन इसकी मोटरसाइकिलों की बिक्री में लगभग 10 पर्सेंट की अनुमानित बढ़ोतरी टोटल सेल्स को सपोर्ट देगी। टीवीएस मोटर्स के बारे में दौलत का कहना है कि दिसंबर 2020 में कंपनी की सेल्स पिछले साल से 8.4 पर्सेंट ज्यादा रह सकती है।
मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल और तिपहिया में रहेगी कमजोरी
जहां तक समूची इंडस्ट्री की बात है तो ब्रोकरेज फर्म निर्मल बंग ने पिछले साल मानकों वाली गाडिय़ों की डीस्टॉकिंग होने के चलते दिसंबर 2020 में ऑटोमोबाइल कंपनियों की सेल्स ग्रोथ कुल मिलाकर बेहतर रहने का अनुमान दिया है। निर्मल बंग का कहना है कि मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल और तिपहिया को छोड़ दें तो कम बेस, कम इनवेंटरी लेवल और लोगों में निजी गाडिय़ों की चाहत बढऩे से ज्यादातर सेगमेंट की होल सेल ग्रोथ भी जबरदस्त रह सकती है। अब तक जारी ऑटो कंपनियों की सेल्स के आंकड़े मोटे तौर पर यही संकेत दे रहे हैं।

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